मिरर मीडिया : जल्द ही झारखंड की राजधानी रांची समेत धनबाद व जमशेदपुर शहरों में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगनी शुरू हो जाएगी। विश्व बैंक से हरी झंडी मिलने के बाद अब झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड जल्द इसकी कवायद शुरू करेगी। अगर सूत्रों कि माने तो नए साल जनवरी से मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। प्रीपेड स्मार्ट मीटर से जहाँ एक ओर उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने से मुक्ति मिल जाएगी, वहीं लोग खुद रिचार्ज कर बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजधानी रांची में साढ़े तीन लाख प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इससे पूर्व यहां के सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों और घरों से बिजली के वर्तमान मीटर निकाल लिए जाएंगे।
टेंडर की प्रक्रिया शुरू
प्रीपेड मीटर लगाने के लिए बिजली विभाग के आइटी सेल ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच कंपनियां एस्फ्रैमैंको, एल एंड टी, स्नाइजर, एचपीएल और जीनस कपंनियां टेंडर डाल कर शहर में प्रीपेड मीटर लगाने की दौड़ में शामिल हो गईं हैं। टेंडर का तकनीकी और वित्तीय बिड खुल चुका है।
2 साल में पूरा कर लिया जाएगा मीटर लगाने का काम
एक रिपोर्ट के अनुसार प्रीपेड मीटर लगाने का काम दो साल यानी आने वाले साल 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।
न्यूनतम 100 रूपये का रिचार्ज
उपभोक्ता अपने प्रीपेड मीटर को कम से कम 100 रुपये से रिचार्ज कर सकेंगे। इसके बाद वह चाहे जितनी रकम से रिचार्ज करें। रिचार्ज करने के लिए विभाग की अपनी वेबसाइट और एप होगा। इसके लिए भी विभाग टेंडर करेगा।
गौरतलब है कि इस प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बिजली विभाग को बकाए रकम की वसूली के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। वहीं उपभोक्ता जितने का रिचार्ज कराएगा, उतनी की बिजली जलेगी। ऐसे में उस पर कर्ज का बोझ नहीं चढ़ेगा।
कैसे करता है स्मार्ट मीटर काम
बता दें कि प्रीपेड मीटर का एक मुख्य सर्वर होगा। इस सर्वर से उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर को जोड़ा जाएगा। इसका फायदा उपभोक्ता को यह होगा कि जब उसके प्रीपेड मीटर में रिचार्ज कम हो जाएगा तो इसका मैसेज उसके पास जाने लगेगा। रिचार्ज की रकम 10 रुपये पहुंचते ही उसे अलर्ट मैसेज आने लगेंगे।
उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर पर लगी डिस्प्ले स्क्रीन के माध्यम से वर्तमान शेष बिजली बिल, बिजली की वर्तमान शेष राशि, और पिछले महीने खपत बिजली की मात्रा के माध्यम से पता चल सकता है, जिससे उन्हें अपने स्वयं के बिजली की खपत के बारे में पता चल जाएगा।
स्मार्ट मीटर स्वचालित रूप से अलार्म का उपयोग करता है। जब बिजली का उपयोग किया जाता है। जब निवासी के घर में बिजली का लोड अधिक होता है या शेष बैटरी अपर्याप्त होती है, तो यह स्वचालित रूप से अलार्म होगा, जो निवासियों को बिजली लोड या समय पर रिचार्ज को कम करने के लिए याद दिलाएगा।
शहर से निकलेगा पुराने मीटर लगेंगे ग्रामीण इलाकों में
शहर में प्रीपेड मीटर लगने के क्रम में पुराने मीटर निकाले जाएंगे। बिजली विभाग इन मीटरों को ग्रामीण इलाके में लगाएगा। इस तरह ग्रामीण इलाके में सभी घरों में मीटर लगा दिए जाएंगे।