पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने तेजी पकड़ ली है और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सियासी गहमागहमी शुरू हो गई है। झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पहली बार बिहार में अपने राजनीतिक विस्तार का संकेत देते हुए 16 सीटों पर दावेदारी पेश की है।

JMM के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने बयान देते हुए कहा, “बिहार में हम छोटे भाई की भूमिका निभाना चाहते हैं, जैसे झारखंड में हम बड़े भाई की भूमिका में हैं। हमने महागठबंधन के साथ जिन 16 सीटों को साझा किया है, उन पर हमें पूरा भरोसा है कि सकारात्मक निर्णय होगा।”
JMM की यह मांग महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जटिलताओं की ओर इशारा कर रही है। खासकर तब जब कांग्रेस पार्टी भी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर चुकी है। यह दावा तब आया है जब पिछली बार 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटें मिली थीं, और प्रदर्शन भी अपेक्षाकृत कमजोर रहा था।
महागठबंधन में शामिल अन्य प्रमुख दल, विशेषकर राजद, इन दावों को किस तरह से समायोजित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। सूत्रों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में महागठबंधन की उच्चस्तरीय बैठक हो सकती है, जिसमें सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झारखंड में सत्ता में रहने के कारण JMM अब अपने पड़ोसी राज्य बिहार में भी अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कराना चाहता है। विशेषकर संथाल और सीमावर्ती इलाकों में JMM का प्रभाव बढ़ने की संभावना है।
बिहार चुनाव 2025 में विपक्षी एकता की परीक्षा अब सीट बंटवारे के संतुलन पर टिक गई है। क्या JMM और कांग्रेस के दावों को राजद नेतृत्व में संचालित महागठबंधन संतुलित रूप से सुलझा पाएगा, यह आने वाला वक्त बताएगा।
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