Ranchi News: झारखंड राज्य दो दिन से डीजीपी विहीन, राज्य सरकार पर बाबूलाल मरांडी को निशाना

Amita kaushal
4 Min Read

रांची- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि दो दिनों से झारखंड संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन राज्य है। इतना ही नहीं झारखंड में एसीबी, सीआईडी,और पुलिस सभी के डीजीपी का पद रिक्त है। कहा कि अनुराग गुप्ता द्वारा दिए जा रहे निर्देश,निर्णय गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के आलोक में पूरी तरह असंवैधानिक है।

कहा कि एक आईपीएस अफ़सर जिस पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और फ्रॉड का आरोप हो, कोई भी सरकार अपने राज्य और जनता की सुरक्षा उसके हवाले कैसे कर सकती है?

मरांडी ने कहा कि 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता के ऊपर आरोपों की लिस्ट काफ़ी लंबी है। कहा कि हेमंत सोरेन ने ख़ुद इन्हें 24 फ़रवरी 2020-से 9 मई 2022 (26 महीने) निलंबित किये रखा। लेकिन इस दौरान हेमंत सोरेन और अनुराग गुप्ता की नज़दीकियाँ इतनी बढ़ीं कि सस्पेंशन की अवधि ख़त्म होते ही हेमंत सोरेन ने अनुराग गुप्ता को वापस झारखंड में ही नियुक्ति दे दी।

कहा कि हेमंत का अनुराग गुप्ता के प्रति नफ़रत के अचानक निकटता में बदलने के वजह के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई तो पता चला कि इनकी नियुक्ति की शर्त यह थी कि उन्हें झारखंड में ईडी के मुकदमों को मैनेज करना होगा और सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले गवाहों पर झूठे केस चलाकर दबाव बनाना होगा। तभी से यह अटूट साझेदारी चली आ रही है। वरना झारखंड प्रशासन में वरिष्ठ और योग्य आईपीएस अफ़सरों की कोई कमी न तो पहले थी, न ही आज है।

कहा कि अनुराग गुप्ता के प्रयास से ईडी के अफ़सरों को डराने और काम से रोकने के लिये तीन-तीन मुकदमे पुलिस में दर्ज करवाये गये। जिनके जॉंच और कार्रवाई पर हाईकोर्ट को रोक लगानी पड़ी है। अभी हाल में ईडी के तीन गवाहों को पुलिस केस कर जेल भेजा गया। राज्य सेवा के कुछ अफसर जिनके बयान और कार्रवाई पर ईडी ने कारवाई कर बड़ी मछलियों को पकड़ा वैसे अफ़सरों पर एसीबी और पुलिस के ज़रिये कार्रवाई कर उन पर ईडी के खिलाफ बोलने का दबाव बनाया जा रहा है।

कहा कि क्या कारण है कि जनवरी 2025 से अबतक पूजा सिंघल, छवि रंजन , आलमगीर आलम समेत दस से भी ज़्यादा सरकारी लोगों पर प्रॉसिक्यूशन सैंक्शन के लिये ईडी ने झारखंड सरकार को अनुरोध भेजा हुआ है। लेकिन एक भी मामले में झारखंड सरकार ने अबतक सैंक्शन नहीं दिया है।

कहा कि 2024 में चुनाव आयोग ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को अपने पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया और उन्हें हटाकर दूसरे डीजीपी की नियुक्ति की। लेकिन हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री बनने के कुछ घंटों के अंदर ही हेमंत सोरेन ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया।

कहा कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना करके अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। फिर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 7 जनवरी को आनन-फानन में ऑल इंडिया सर्विस रूल्स (1958) को दरकिनार करते हुए सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक नई नियमावली ही बना डाली।

कहा कि जब वर्तमान में झारखंड की सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था तालीबानी हुकूमत की तरह ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंप दिया जाए, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप, अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप और धोखाधड़ी के आरोप लगे हों — तो राज्य का भविष्य कैसा होगा, यह आप सभी भी अच्छे से समझ सकते हैं। सत्ता का ऐसा दुरुपयोग हेमंत सोरेन के राज में ही संभव है।

Jharkhand News/ Ranchi News/

Share This Article