नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज पर कई कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस फैसले के बाद बैंक के ग्राहक अब अपने खातों से पैसे नहीं निकाल सकेंगे। आरबीआई का यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
क्या हैं नए प्रतिबंध?
आरबीआई द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 13 फरवरी 2025 से अगले छह महीनों तक बैंक किसी भी ग्राहक को निकासी की अनुमति नहीं देगा। साथ ही, नया लोन देने और डिपॉजिट लेने पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि, बैंक को केवल कुछ आवश्यक खर्चों जैसे वेतन, किराया और बिजली बिलों के भुगतान की अनुमति दी गई है।
आरबीआई ने क्या कहा?
आरबीआई के अनुसार, बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि बैंक बिना अनुमति के कोई भी नया कर्ज नहीं देगा और न ही किसी लोन को रिन्यू करेगा। हालांकि, यदि बैंक की स्थिति सुधरती है, तो आरबीआई कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकता है।
बैंक पर बैन क्यों लगा?
आरबीआई ने अपनी जांच में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज में कई गंभीर खामियां पाईं। ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि बैंक किसी भी प्रकार का नया कर्ज या अग्रिम भुगतान नहीं कर सकता।
ग्राहकों को कैसे मिलेगा पैसा?
बैंक के जमाकर्ताओं को फिलहाल अपना पैसा निकालने की अनुमति नहीं है। हालांकि, यदि आरबीआई द्वारा राहत दी जाती है, तो निकासी संभव हो सकती है। वहीं, अगर बैंक की वित्तीय स्थिति नहीं सुधरती, तो ग्राहकों को अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम मिल सकता है, जो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत सुरक्षित है।
आरबीआई बैंक की वित्तीय स्थिति पर निगरानी रखेगा और जरूरत पड़ने पर आगे की कार्रवाई करेगा। फिलहाल, बैंक से जुड़े ग्राहकों को अपनी जमा राशि को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।