भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे निष्क्रिय या ‘फ्रीज’ किए गए खातों की संख्या को कम करने के लिए तत्काल प्रभाव से आवश्यक कदम उठाएं। आरबीआई ने बैंकों को इन खातों के संबंध में तिमाही आधार पर रिपोर्ट देने को भी कहा है।
आरबीआई ने इन निष्क्रिय खातों में जमा धनराशि की बढ़ती मात्रा पर गहरी चिंता जताई है। बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग द्वारा किए गए विश्लेषण में यह बात सामने आई कि कई बैंकों में निष्क्रिय खातों और बिना दावा किए गए जमा की संख्या अत्यधिक है।
आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया है कि बैंकों को ऐसे खातों को सक्रिय करने और ग्राहकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए तुरंत कार्य करना चाहिए। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि बैंक आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए ग्राहकों को केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया के अद्यतन में सहायता करें।
आरबीआई की सिफारिशें
- डिजिटल साधनों का उपयोग: मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग और वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया को अपनाएं।
- सहज केवाईसी प्रक्रिया: केवाईसी अद्यतन के लिए निर्बाध और परेशानी मुक्त प्रक्रिया लागू करें।
- ग्राहकों को जागरूक बनाएं: ग्राहकों को उनके निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए प्रोत्साहित करें।
आरबीआई के इस निर्देश का उद्देश्य निष्क्रिय खातों से जुड़ी समस्याओं को हल करना और ग्राहकों की जमा राशि को सुरक्षित रखना है। बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।