बेंगलुरु के प्रसिद्ध चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न के दौरान हुआ हादसा पूरे देश को झकझोर कर गया। आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न मातम में तब्दील हो गया जब भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब राज्य सरकार और आयोजनकर्ताओं को देना होगा।
🌧️ घटना का पूरा सिलसिला
आईपीएल फाइनल में RCB की जीत के बाद बेंगलुरु में भव्य जश्न का आयोजन किया गया। खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम को चुना गया था। टीम के खिलाड़ी दोपहर 3:00 बजे पहुंचे, और शाम 4:30 बजे से सम्मान समारोह की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। लेकिन जैसे ही बारिश शुरू हुई, कार्यक्रम रोकना पड़ा।
इसी बीच बड़ी संख्या में RCB प्रशंसक स्टेडियम के आसपास एकत्र हो गए। गेट नंबर 5, 6, 12 और 18 के पास हज़ारों की भीड़ उमड़ पड़ी। गेट नंबर 6 पर लोग चढ़कर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिससे एक युवक गिरकर घायल हो गया। वहीं गेट नंबर 18 पर स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। गेट नंबर 12 खोलने पर अचानक भीड़ बैरिकेड्स तोड़कर अंदर घुसने लगी और भगदड़ में कई लोग दब गए। एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी, जिसे पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया।
🏥 मौतें और घायलों की स्थिति
11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
50 से ज्यादा लोग घायल, जिनमें से कई गंभीर।
घायलों को बेंगलुरु के विट्ठल माल्या रोड के वैदेही अस्पताल, बॉरिंग अस्पताल और लेडी कर्जन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मृतकों की संख्या 12 बताई है।
🏛️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत कई नेताओं ने हादसे पर शोक जताया।
सीएम सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख मुआवजा और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की।
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।
सीएम ने साफ किया कि “कार्यक्रम का आयोजन कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने किया, न कि सरकार ने। हमनें सिर्फ अनुमति दी थी।”
❗ हादसे की 5 बड़ी वजहें
- भीड़ का पूर्वानुमान नहीं लगाना
CM के अनुसार 3 लाख लोग स्टेडियम के बाहर जमा थे, जबकि स्टेडियम की क्षमता महज़ 35,000 है। इससे साफ है कि प्रशासन इतनी भारी भीड़ को लेकर तैयार नहीं था। - क्राउड मैनेजमेंट में विफलता
भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस नाकाम रही। लाठीचार्ज के बाद हालात और बिगड़ गए। अफरा-तफरी में एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाएं समय पर नहीं पहुंच सकीं। - कार्यक्रम समय में बदलाव और सूचना का अभाव
बारिश के कारण कार्यक्रम रोका गया लेकिन भीड़ को इसकी सूचना नहीं दी गई, जिससे भ्रम की स्थिति बनी। - नेतृत्व की भूमिका पर सवाल
विपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने जल्दबाज़ी में यह कार्यक्रम कराया और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। पूर्व CM कुमारस्वामी ने सरकार पर सीधी जिम्मेदारी डाली। - आयोजन में तालमेल की कमी
कार्यक्रम KSCA ने आयोजित किया लेकिन सरकार की अनुमति और पुलिस तैनाती से भ्रम की स्थिति बनी रही। किसकी जिम्मेदारी तय की जाए – यह स्पष्ट नहीं है।
🗣️ नेताओं की प्रतिक्रियाएं
सिद्धारमैया – “मैं इस हादसे का बचाव नहीं कर रहा हूं। सरकार राजनीति नहीं चाहती। जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
भाजपा – “सरकार ने जल्दबाजी में आयोजन किया, सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी थे।”
ओवैसी – “12 लोगों की मौत सरकार की लापरवाही का नतीजा है।”