रामराज्य की पुनः स्थापना: रामलला से राजा राम तक: अयोध्या में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव प्रारंभ

KK Sagar
3 Min Read

रामनगरी अयोध्या में एक और ऐतिहासिक क्षण दस्तक दे चुका है। भगवान श्रीराम की दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन 2 जून से 6 जून तक किया जा रहा है। इस आयोजन में भगवान श्रीराम को अब राजा के रूप में प्रथम तल पर विराजमान किया जाएगा। इससे पहले 22 जनवरी 2024 को बालक रूप में उनकी प्रतिमा गर्भगृह में प्रतिष्ठित की गई थी।

📿 प्रमुख कार्यक्रम व अनुष्ठान:

  1. कलश यात्रा से शुरुआत (2 जून):

आज सुबह सरयू आरती स्थल से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसके साथ राम दरबार की संगमरमर की प्रतिमा को मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ हुई।

  1. वैदिक पूजा (3-4 जून):

3 और 4 जून को सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक लगातार वैदिक पूजा संपन्न होगी। इसमें देश भर से आमंत्रित संत, विद्वान और धार्मिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।

  1. प्राण प्रतिष्ठा समारोह (5 जून):

5 जून को सुबह 6:30 बजे से पूजा आरंभ होगी। 11:00 बजे अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राजा राम दरबार के साथ-साथ जटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियों की भी प्रतिष्ठा की जाएगी।

  1. श्रद्धालुओं के लिए दर्शन (6 जून से):

6 जून से श्रद्धालु प्रथम तल पर स्थापित राजा राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे। इसमें 101 वैदिक विद्वानों द्वारा मंत्रोच्चारण और अनुष्ठान होंगे।

🛕 राम दरबार और अन्य देव प्रतिमाएं:

राम मंदिर के प्रथम तल पर बने राम दरबार के साथ साथ मंदिर परिसर में अन्य सात मंदिरों का भी अभिषेक होगा। इनमें शामिल हैं:

शिवलिंग (मुख्य मंदिर स्थल)

गणेश जी (दक्षिण-पूर्व कोना)

हनुमान जी (दक्षिणी भुजा)

सूर्य देव (दक्षिण-पश्चिम कोना, रथ सहित)

अन्नपूर्णा माता व राम रसोई (उत्तरी भुजा)

शेषावतार मंदिर

भगवती मंदिर

🍛 आमंत्रितों के लिए सेवा व्यवस्था:

ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित अतिथियों के लिए मंदिर परिसर में सुबह के जलपान और दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई है। रात का भोजन उनके संबंधित आश्रमों में करने की अपेक्षा है।

🧘 धार्मिक महत्व:

इस आयोजन को अत्यंत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्राप्त है। धार्मिक गुरुओं से इसे एक “पवित्र साक्षी” के रूप में देखने और भाग लेने का आग्रह किया गया है।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....