रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार: मुसाबनी, पोटका और गुड़ाबांदा ने दिखाया रास्ता

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में म्यूटेशन, भूमि सीमांकन, ऑनलाइन लगान, और भूमि विवाद समाधान जैसे कई अहम मुद्दों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को भूमि संबंधी मामलों का समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

भूमि मामलों के निष्पादन में तेजी लाने पर जोर
उपायुक्त ने बताया कि जनवरी से अब तक म्यूटेशन के 9,300 आवेदनों में से 4,456 (47.91%) का निष्पादन किया जा चुका है, जबकि 1,686 मामले अभी भी लंबित हैं। इस दौरान 3,158 आवेदन रद्द किए गए। उन्होंने मुसाबनी, पोटका और गुड़ाबांदा अंचल में बेहतर निष्पादन दर (क्रमशः 71.82%, 70.07% और 70.00%) की सराहना की।

वही गोलमुरी (34.27%), डुमरिया (35.90%) और मानगो (30.70%) में कम निष्पादन दर पर चिंता व्यक्त करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को बिना आपत्ति वाले मामलों का तुरंत निपटारा करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई आवेदन अस्वीकृत किया जाता है, तो उसका कारण स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।

भूमि विवादों का समाधान और पारदर्शिता
उपायुक्त ने थानावार आयोजित होने वाले ‘भूमि विवाद समाधान दिवस’ और अंचल कार्यालयों में होने वाली जनसुनवाई का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

राजस्व वाद प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) की समीक्षा करते हुए, उन्होंने लंबित मामलों की नियमित निगरानी और पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने भूमि सीमांकन के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए कहा, ताकि भूमि विवादों को खत्म किया जा सके।

ऑनलाइन लगान और भूमि अधियाचना
उपायुक्त ने भू-स्वामियों को ऑनलाइन लगान भुगतान के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लगान रसीदें शत-प्रतिशत लोगों की कटें और इसमें आने वाली तकनीकी त्रुटियों को जल्द से जल्द ठीक किया जाए।

विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए, उपायुक्त ने विभिन्न विभागों से प्राप्त भूमि अधियाचना आवेदनों की जल्द से जल्द कानूनी जांच करने और उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों जैसी परियोजनाओं के लिए भूमि की पहचान और उपलब्धता को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

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