आदिवासी समुदायों का संबंध जल, जंगल और जमीन से, एकजुट होकर अपनी संस्कृति, सभ्यता को बचाने का संकल्‍प

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : जुगसलाई तोरोप परगना अखाड़ा में सोमवार को परगना बाबा दासमत हंसता की अगुवाई में विश्व आदिवासी दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।‍ इस दौरान समाज के लोगों ने अबुआ झारखंड अबुआ राज का नारा दिया है और कहा यहा पर दीकू राज नहीं चलेगा। परगना बाबा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने मां, माटी और मानुष के अस्तित्व को बचाने के लिए ब्रिटिश सरकार को झुकने पर मजबूर किया था। क्योंकि आदिवासी समुदायों का जल, जंगल और जमीन से संबंध है।

हमने स्वतंत्रता के बाद अलग-अलग उद्योग और परियोजनाओं के लिए हजारों हेक्टेयर जमीन गंवाई है लेकिन बदले में विस्थापन और पलायन के सिवा कुछ नहीं मिला। भारत के संविधान में जनजातीय समुदाय के अधिकारों और हितों को संरक्षित करने प्रावधान किया गया। अब समय आ गया है आदिवासी समाज को पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के तहत संगठित होकर और हक और अधिकारों की लड़ाई लड़ने की। क्योंकि इसके सिवा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

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