नई दिल्ली: नई दिल्ली में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की वार्षिक बिजनेस समिट 2025 की भव्य शुरुआत हुई, जिसका थीम है “बिल्डिंग ट्रस्ट, इंडिया फर्स्ट”। देश-विदेश के उद्योगपति, नीति-निर्माता और सरकारी अधिकारी इस आयोजन में शामिल हुए। समिट में झारखंड से भी इंडस्ट्री एंड ट्रेड असोसिएशन (JITA) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और राज्य से जुड़े औद्योगिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन के महासचिव राजीव शर्मा ने समिट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) की समस्याओं को रेखांकित करते हुए कहा कि देश की GDP में 40% योगदान देने वाले इन उद्योगों को अनावश्यक विभागीय कंप्लायंस से छूट दी जानी चाहिए। साथ ही, नए इनोवेशन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सरकारी सहयोग में इजाफा जरूरी है।
इसके अलावा, कोल सेक्टर से जुड़े मुद्दों पर भी प्रतिनिधिमंडल ने गंभीर चिंता व्यक्त की। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई कि स्थानीय हार्डकोक उद्योग को पूर्व की भांति बीसीसीएल (BCCL) के माध्यम से कोयले की लिंकेज बहाल की जाए। प्रतिनिधियों ने बताया कि इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोग रोजगार से जुड़े हैं, और कोयले की निर्बाध आपूर्ति इनके अस्तित्व के लिए जरूरी है।
प्रतिनिधिमंडल ने एकमत होकर कोयला मंत्रालय से पुरानी लिंकेज नीति को बहाल करने की मांग की, जिससे झारखंड के औद्योगिक क्षेत्र को राहत मिल सके। इस दौरान JITA के अध्यक्ष अमितेश सहाय, महासचिव राजीव शर्मा, कोषाध्यक्ष नंदलाल अग्रवाल और उपाध्यक्ष विशाल अग्रवाल भी उपस्थित थे।
समिट के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के विकास मॉडल, रक्षा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप, शिक्षा और जलवायु नीति पर विविध सत्र आयोजित हुए। नीति आयोग, रक्षा मंत्रालय, रेलवे, स्वास्थ्य, और संचार मंत्रालय समेत कई केंद्रीय मंत्रालयों के मंत्रियों ने विचार साझा किए।
CII की यह समिट भारत की अर्थव्यवस्था, नवाचार और औद्योगिक रणनीतियों को लेकर गंभीर विमर्श का मंच बनी है। कार्यक्रम के अगले चरण में भी विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ भारत को “विकसित राष्ट्र” बनाने की दिशा में रणनीति पर चर्चा करेंगे।

