डिजिटल डेस्क,पटना: राजद के सुप्रीमो, लालू प्रसाद यादव के सम्बंध में जमीन के बदले नौकरी मामले में आज ED ने पूछताछ की। पटना के ED कार्यालय के बाहर राजद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे, और उनकी बेटी मीसा भी वहां थी। ये घटनाएं समाज में चर्चा का विषय बन गई हैं।राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को ईडी की गिरफ्त में लेने के दावे के साथ, उनकी बेटी मीसा भी ईडी के पुलिसाधिकारियों के सामने प्रकट हुई। इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज़ हो गई।
राजनीतिक दलों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसे राजनीतिक रंग दे दिया। रोहिणी आचार्य ने भी एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपने पिता की पकड़ में होने के मामले को उजागर किया।जब इस मामले में सार्वजनिक रूप से जांच शुरू हुई, तो पटना के ईडी कार्यालय के बाहर राजद के कार्यकर्ता और समर्थक एकत्रित हो गए। इसके अलावा, उनकी बेटी मीसा भी वहां पहुंची और देश को उनके आपत्तियों की बात कही।मीसा ने कहा, “सबकुछ आपके सामने है। आप सब देख रहे हैं। देश देख रहा है। मुझे तो बैठने की इच्छा भी नहीं है, उनके साथ तो अलाउ भी नहीं होगा, पर जो डॉक्यूमेंट और जो स्थिति है, आपको भी पता है कि उनको पकड़कर उठाना पड़ता है, बैठाना पड़ता है, कोई बात नहीं है।
उनके इस बयान के साथ-साथ, उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपने पिता के साथ हो रहे ईडी के जांच मामले को लेकर अपने नाराज विचार व्यक्त किए।मीसा ने आगे कहा, “सिर्फ हमारा ही परिवार नहीं, अब तो आप देख रहे हैं कि देश में जितने भी उनको लगता है, कि ये विपक्ष में हैं, जो उनके साथ आ नहीं रहे हैं, उनको ये समन भेज दिया जाता है। उनको ये ग्रीटिंग कार्ड भेज दिया जाता हैं उन्होंने आगे कहा, “हमारा परिवार जब भी कोई भी एजेंसी, चाहे वो सीबीआई हो या ईडी हो या इनकम टैक्स हो, बुलाती है, हम लोग वहां जाते हैं और उनके प्रश्नों का, पूरी तरह से सहयोग करते हैं, जवाब देते हैं।इस समय, सामाजिक मीडिया पर इस घटना के चर्चे तेज़ हो रहे हैं और लोग इस प्रकरण को गंभीरता से ले रहे हैं। इस मामले में जांच के लिए सरकारी अधिकारी भी काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पूरे मामले में गहरी जांच होने की मांग की जा रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके और जिम्मेदारीधारी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।