डिजिटल डेस्क/पटना: बिहार के राघोपुर में कच्छी दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा ब्रिज का उद्घाटन 23 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। 19 किलोमीटर लंबे इस ब्रिज, जिसमें 9.76 किमी का एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज शामिल है, की कुल लागत 4,988 करोड़ रुपये है। उद्घाटन समारोह में राघोपुर के विधायक और राजद नेता तेजस्वी यादव को भी आमंत्रित किया गया, क्योंकि यह उनके विधानसभा क्षेत्र को पटना से जोड़ता है। इस ब्रिज ने राघोपुर को पटना से मात्र 5 मिनट की दूरी पर ला दिया है, जो दियारा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम है।
राजद नेता रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना का शिलान्यास 2015 में तेजस्वी यादव के उप-मुख्यमंत्रित्व काल में हुआ था और यह उनके दूरदर्शी प्रयासों का परिणाम है। रोहिणी ने आरोप लगाया कि नीतीश और भाजपा शासित एनडीए सरकार ने इस परियोजना की जानबूझकर अनदेखी की, जिससे निर्माण में देरी हुई और लागत मूल 3,115 करोड़ से बढ़कर 4,988 करोड़ रुपये हो गई। उन्होंने कहा, “दूसरों की उपलब्धि का श्रेय लेने में एनडीए का कोई सानी नहीं।” रोहिणी ने मांग की कि नीतीश सरकार को देरी और लागत वृद्धि के लिए राघोपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
उधर एनडीए ने इन आरोपों को खारिज करते हुए ब्रिज को नीतीश कुमार की दूरदर्शिता का नतीजा बताया। बीजेपी नेता मंगल पांडे और पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इसे बिहार के विकास में मील का पत्थर करार दिया। बिहार कांग्रेस ने भी लागत वृद्धि पर सवाल उठाए, इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया। यह विवाद 2025 विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल को गर्माने का संकेत दे रहा है। राघोपुर के लिए यह ब्रिज सामाजिक-आर्थिक बदलाव का वाहक है, लेकिन श्रेय की जंग जारी है।