संवाददाता, धनबाद: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने रेलवे संपत्ति की चोरी से जुड़े एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सरगना कोई और नहीं, बल्कि रेलवे में निजी आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत एक कर्मचारी निकला। गिरफ्तार आरोपियों के पास से लगभग 7000 रुपये मूल्य की चोरी की गई रेलवे संपत्ति भी बरामद की गई है।
गुप्त सूचना के आधार पर धनबाद के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त अनुराग मीणा एवं सहायक सुरक्षा आयुक्त सुरेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर RPF धनबाद पोस्ट और अपराध-आसूचना शाखा की संयुक्त टीम ने 5 अप्रैल को यह कार्रवाई की।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गिरोह का मुखिया राणा प्रताप पासवान शामिल है, जो रेलवे में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत था। उसके साथ सतीश कुमार (काल्पनिक नाम), आलोक कुमार (काल्पनिक नाम), छोटू कुमार सोनी उर्फ छोटकी मुर्गीया और विनोद सोनी उर्फ बड़की मुर्गिया को भी गिरफ्तार किया गया है। ये सभी धनबाद के धनसार थाना क्षेत्र के निवासी हैं।इसके अलावा चोरी की संपत्ति को खरीदने वाले दो रिसीवर – प्रभुलाल और फेकू साव को भी गिरफ्तार किया गया है।
आरपीएफ ने इस गिरोह के नेटवर्क को तोड़ते हुए मामला संख्या 07/25, धारा 3 रेलवे संपत्ति (अनधिकृत कब्जा) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गिरोह के दो सदस्य पहले से ही दर्ज मामले संख्या 01/25 में वांछित थे।
सभी आरोपियों को रेलवे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने स्पष्ट किया है कि रेलवे संपत्ति की चोरी को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।