बुधवार सुबह धनबाद के DRM कार्यालय के बाहर उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों ने DRM चौक के पास सड़क किनारे बैठी महिला सब्जी विक्रेताओं का पूरा सामान जब्त कर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित महिलाओं के अनुसार, करीब 9 से 10 विक्रेताओं की हजारों रुपये की सब्जियाँ और सामग्री बलपूर्वक उठाकर ले जाई गईं।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि यह कोई कानूनी कार्यवाही नहीं थी, बल्कि एकतरफा दमन था। “कोई चेतावनी नहीं, कोई नोटिस नहीं — सीधे आकर सब कुछ उठा ले गए,” एक बुज़ुर्ग महिला ने आँसुओं से भरी आँखों से कहा।
पारसनाथ से रोज़ सुबह सब्जियाँ लेकर आने वाली इन महिलाओं ने बताया कि वे हर दिन मेहनत से रोज़ी कमाती हैं, लेकिन RPF की इस कार्रवाई ने उनके घर की रोटी तक पर संकट खड़ा कर दिया है। “अगर हटाना है तो कह दो, हम इज़्ज़त से हट जाएंगे… लेकिन यूँ लूट लेना? ये अन्याय है,” एक युवा महिला ने भरे गले से कहा।
स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने भी इस कदम की निंदा की है और इसे गरीबों के खिलाफ अमानवीय कर्रवाई करार दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से सवाल किया है कि क्या फुटपाथ पर बैठकर सब्जी बेचना इतना बड़ा अपराध है कि मेहनत की कमाई जब्त कर ली जाए?
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस घटना को गंभीरता से लेकर जवाबदेही तय करेगा, या फुटपाथ पर गूंजती ये पीड़ा भी अन्याय की भीड़ में खो जाएगी?