डिजिटल डेस्क/कोलकाता: के सियालदह रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल ने ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। दिल्ली में नौकरी का झांसा देकर लड़की को ले जा रही दो महिला तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने इस घिनौने रैकेट में अपनी संलिप्तता कबूल की।
सियालदह मंडल के रेलवे सुरक्षा बल ने मानव तस्करी के खिलाफ अपनी मुस्तैदी का परिचय देते हुए सियालदह रेलवे स्टेशन पर एक विशेष अभियान में बड़ी सफलता हासिल की। शुक्रवार को ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत आरपीएफ की मानव तस्करी निरोधक इकाई ने प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर कार्रवाई की। इस दौरान एक घबराई हुई 16 वर्षीय लड़की को अकेले बैठे देखा गया। पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसे दक्षिण 24 परगना के कैनिंग से दिल्ली में मोटी तनख्वाह वाली नौकरी का लालच देकर लाया गया था।
आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अकलीमा खातून मोल्ला (47) को गिरफ्तार किया, जो लड़की को दूसरी तस्कर मरियम बीबी (39) को सौंपने वाली थी। मरियम ने कबूल किया कि वह लड़की को दिल्ली ले जाकर नसीर नामक व्यक्ति को सौंपने वाली थी, जो उसे जबरन घरेलू काम में लगाने वाला था। अकलीमा ने भी स्वीकार किया कि वह लंबे समय से इस तस्करी रैकेट में शामिल थी और प्रत्येक लड़की के बदले 1,500 रुपये कमाती थी।
दोनों महिला तस्करों को सियालदह जीआरपी के हवाले कर दिया। बचाई गई नाबालिग लड़की को जीआरपी की देखरेख में रखा गया है। सियालदह मंडल के डीआरएम राजीव सक्सेना ने इस कार्रवाई को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आरपीएफ की सजगता ने एक मासूम की जिंदगी को अंधेरे में डूबने से बचा लिया।