कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आरएसएस और बीजेपी दोनों पर तीखा हमला बोला। मल्लिकार्जुन खरगे कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, सरदार पटेल ने भी आरएसएस पर बैन लगा दिया था।

खरगे ने सरदार पटेल के 1948 में जारी लेटर का जिक्र करते हुए संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ये मेरे निजी विचार हैं और मैं खुले तौर पर कहता हूं कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए आरएसएस को प्रतिबंधित किया था। अगर प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो ऐसा किया जाना चाहिए।
पटेल के श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे पत्र का जिक्र
खरगे ने कहा कि सरदार पटेल ने 4 फरवरी 1948 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे पत्र का जिक्र किया। जिस पत्र में उन्होंने ये कहा कि महात्मा गांधी मृत्यु पर आरएसएस वालों ने हर्ष प्रकट किया और मिठाई बांटी, उससे यह विरोध और बढ़ गया। इन हालत में सरकार के पास संघ के खिलाफ कदम उठाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।
सांप के विष से की संघ के विचारधारा की तुलना
संघ के विचारधारा की तुलना सांप के विष से करते हुए खरगे ने कहा कि अगर आप सांप को मारते है और विष निकलता है और कोई कहता है कि विष चाटेंगे, अगर विष चाटेंगे तो मरेंगे। खरगे ने कहा, सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा।
आरएसएस और बीजेपी पर बड़ा आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए आरएसएस और बीजेपी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए आरएसएस को प्रतिबंधित किया था। बीजेपी हर चीज के लिए कांग्रेस को दोष देते हैं तो अपनी करतूत को भी देख लीजिए।
नेहरू और पटेल को लेकर कही ये बात
खरगे ने कहा कि सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री और बीजेपी हमेशा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे और पटेल ने नेहरू को जनता का नेता बताया था।


 
			 
			 
                                 
                             