गौतम अडानी विवाद को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही कांग्रेस अब जॉर्ज सोरोस के मसले पर उलझ गई है। भाजपा ने अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के बहाने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जिससे संसद की कार्यवाही बाधित हो रही है। इस राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के लिए अमेरिका से थोड़ी राहत मिली है। अमेरिका ने जॉर्ज सोरोस और उनके संगठनों पर भारत को अस्थिर करने के आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
भाजपा ने इस मामले पर आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि अमेरिका को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह मोदी सरकार को अस्थिर करने के जॉर्ज सोरोस के प्रयासों के साथ है या नहीं। इसके जवाब में कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला किया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि यदि जॉर्ज सोरोस इतना बड़ा खतरा हैं, तो उनके खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
पवन खेड़ा ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं के विदेशी संबंधों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि भाजपा के नेताओं के बच्चों को विदेशी स्कॉलरशिप कौन देता है और भाजपा समर्थित फाउंडेशन को चीन से कितना पैसा मिला। खेड़ा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के परिवार के कथित संबंधों को भी निशाने पर लिया।
इस विवाद के बीच, कांग्रेस और विपक्ष ने राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का भी समर्थन मिल रहा है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस रणनीति पर चर्चा की।
मंगलवार को संसद में इस मुद्दे पर और अधिक हंगामे की संभावना है। विपक्ष भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है, जबकि भाजपा कांग्रेस के नेतृत्व को कमजोर करने में लगी है। इस राजनीतिक लड़ाई ने संसद के कामकाज को ठप कर दिया है, जिससे आम जनता के मुद्दे पीछे छूटते दिख रहे हैं।