हलाल पर बवाल : हिंदू जनजागृति समिति ने विरोध प्रदर्शन कर DC से कार्रवाई की मांग की : कहा FSSAI, FDA है तो  धार्मिक भेदभाव वाला हलाल प्रमाणीकरण क्यूं?

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मिरर मीडिया : हलाल उत्पादों की मांग और इसके प्रमाण पत्र के खिलाफ हिंदू जनजागृति समिति ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।

इस बाबत हिंदू जनजागृति समिति के शंभू गवारे ने बताया कि पिछले कुछ समय से भारत में हलाल उत्पादों की मांग की जा रही है जबकि हिंदू व्यापारियों को व्यवसाय करने हेतु हलाल प्रमाण पत्र लेना पड़ रहा है। पहले हलाल यह संकल्पना केवल मांसाहार पदार्थ तक एवं इस्लामी देशों में निर्यात करने तक ही सीमित थी परंतु अभी भारत में चीनी, तेल,आटा, चॉकलेट, मिठाई सौंदर्य प्रसाधन औषधि आदि विविध उत्पाद भी हलाल प्रमाणीकरण होने लगे है।

जब भारत सरकार द्वारा अधिकृत एफएसएआई और एफडीए जैसी संस्था द्वारा प्रमाणीकरण किया जा रहा है तब हलाल प्रमाणीकरण की आवश्यकता नही होना चाहिए। आज भारत में मैकडोनाल्ड, केएफसी, बर्गर किंग, पिज्जा हट जैसे नामी-गिरामी कंपनियों के आउटलेट में हलाल के अतिरिक्त खाद पदार्थ उपलब्ध ना होने के कारण हिंदू जैन सिख जैसे गैर मुसलमान समाज को सहज ही हलाल खाद पदार्थ सख्ती से बेचा जा रहा है।

भारत को धर्मनिरपेक्ष बताना और धर्म के आधार पर उत्पादों की इस्लामी प्रमाणीकरण का फंदा डालना यह गलत है। वहीं आंदोलन को प्रांत समिति ने उपायुक्त धनबाद को ज्ञापन देकर तत्कालीन कार्रवाई की मांग की है

ज्ञापन के अनुसार

1. भारत में धार्मिक भेदभाव करने वाला हलाल प्रमाण पत्र देने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

2. निजी संस्थानों को बिना किसी कानूनी आधार के हलाल प्रमाण पत्र देने से रोका जाए।

3. जिंस आपके संस्थाओं में केवल हलाल प्रमाणित पदार्थों की आपूर्ति की जाती है उन्हें इस व्यवस्था को तुरंत बंद करने के आदेश दिया जाए।

4. हलाल प्रमाण पत्र देने वाली निजी संस्थाओं द्वारा हलाल धन का उपयोग किस लिए किया जाता है इसकी भी सीबीआई जांच की जाये।

हलाल शक्ति के विरोध में किए गए आंदोलन में तरुण हिंदू के डॉक्टर अनिल माधव दास, आर्य महासंघ राजेश बरनवाल संदीप आर्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रमेश जी, पंकज सिंह सभ्यता अध्ययन केंद्र के मनोज सिंह विश्व हिंदू परिषद के सुनील कुमार हिंदू जनजागृति समिति के अमरजीत प्रसाद, दीपक केसरी, समर पाल सिंह इसके साथ कई हिंदुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रनिष्ठ लोग सम्मिलत हुए।

बता दें कि अगर हम उत्पादों पर हलाल प्रमाणपत्र स्वीकार करना शुरू करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि आईएसआई और एफएसएसएआई जैसे उपभोक्ता उत्पादों पर मौजूदा सरकारी प्रमाणपत्र पर्याप्त नहीं हैं? क्या कोई पारदर्शी, वैज्ञानिक और अच्छी तरह से परिभाषित विधि है जो उत्पादों की तथाकथित शुद्धता, या अच्छाई तय करती है? इसका उत्तर नहीं होगा क्योंकि हलाल प्रमाणन धार्मिक इस्लामी संगठनों द्वारा जारी किया जाता है,

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