मिरर मीडिया : जिले में नदियों से बालू के उठाव पर एनजीटी द्वारा रोक के बावजूद धड़ल्ले से इसकी तस्करी जारी है। लगातार कई ऐसे मामले रोजाना देखें जा रहें है जिसमें बालू लदे वाहन पकड़े जा रहें हैं। और इसे रोकने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है पर क्या होगा जब इसे रोकने वाले ही गलत तरीके से इसका फ़ायदा उठाये जाने पर आँखें मुंदे हुए है।
आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है जहाँ धनबाद के जोड़ापोखर पुलिस थाने के निर्माण में ही अवैध बालू का इस्तेमाल हो रहा है और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है बल्कि हाथ पर हाथ धरे हुए है।
बता दें कि धनबाद के जोरापोखर थाना परिसर में थाना के नए भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें उपयोग में लाए जा रहे बालू को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी अनुसूचित जाति विभाग के संयोजक पिंटू तुरी उर्फ प्रमोद ने अवैध बताया है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता ने मामले की लिखित शिकायत करते हुए इसकी जांच पड़ताल के बाद भवन का निर्माण करा रहे संवेदक के खिलाफ खनन विभाग से कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने बताया कि एनजीटी ने नदियों से बालू उठाव पर रोक लगा दी है पर जोड़ापोखर थाना के नए भवन का चल रहें निर्माण कार्य में अवैध बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अब यह कहावत कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सइयां भए कोतवाल अब डर काहे का। और यहाँ बात नियम कानून को पालन कराने वाले के लिए है कि वो ख़ुद चुप है। अब देखना ये है कि कानून के रखवाले स्वयं कानून के उल्लंघन पर कब सजग होकर कोई कड़ा कदम उठाते है और इसे रोकते हैं या फिर खनन विभाग कोई कदम उठाता है।