जमशेदपुर : आज गीता नायक जब उपायुक्त से मिलीं तो उनकी आपबीती व संघर्षों को सुनकर उपायुक्त भी भावविह्वल हो गईं। उन्होने गीता नायक की तारीफ करते हुए कहा कि आप बहुत बहादुर हो, जिस परिस्थिति में लोगों के हौसले जवाब दे देते हैं उसमें आप एक विशेष जरूरतों वाली बेटी को ना सिर्फ पाल पोष रही हैं बल्कि शिक्षा दीक्षा से लेकर सभी जरूरतों को पूरा कर समाज में मिसाल कायम किया है।

उपायुक्त ने गीता नायक के हौसले की तारीफ करते हुए कहा कि आपमें जीवटता कूट कूट कर भरी है तथा विषम परिस्थिति में भी हार नहीं मानने का जज्बा हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उपायुक्त ने उनकी पारिवारिक, आर्थिक स्थिति की जानकारी ली तथा मौके पर ही पेंशन का आवेदन भी भरवाया। गीता नायक को प्रतिमाह परित्यक्ता पेंशन के रूप में 1000/- की सरकारी मदद मिलेगी। साथ ही उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि किसी भी वक्त कोई सहयोग की जरूरत पड़े तो बेझझक संपर्क कीजिएगा।
गीता नायक वर्तमान में अपने मायका में सिदगोड़ा में रहती हैं। पति ने दिव्यांग बेटी के जन्म लेने पर बेटी को अपनाने से इन्कार कर दिया था जिसके बाद 21 साल की उम्र में गीता नायक ने सिंगल मदर बन बेटी को पालने का बीड़ा उठाया जिसे आज खुशी खुशी पूरा भी कर रही हैं। उन्होने उपायुक्त के प्रति आभार प्रकट किया जो इतने व्यस्त समय में खुद से मिलने बुलाईं। गीता नायक ने कहा कि अभी वो कहीं काम नहीं करती हैं, और ना ही पति ने तलाक दिया है, ना ही ससुराल के प्रॉपर्टी में कोई हक या अलुमनी मिला है। ऐसे में उपायुक्त की पहल पर तत्काल पेंशन स्वीकृति मिलने व 1 हजार रूपए की राशि मिलने से बहुत बड़ी मदद मिली है। उन्होने कहा कि उपायुक्त का स्नेहिल भाव व प्रेम से बात करना निश्चित ही उनकी लड़ाई में बड़ा हौसला देगी।