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संजय राउत ने तहव्‍वुर राणा प्रत्‍यर्पण का बिहार चुनाव से जोड़ा कनेक्‍शन, कुलभूषण जाधव को लेकर केन्द्र पर कसा तंज

डिजिटल डेस्क |मिरर मीडिया :मुंबई हमले का आरोपी तहव्‍वुर राणा भारत के शिकंजे में है। तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यार्पित किया जा चुका है। इसी के साथ इस मसले पर सियासत भी शुरू है। विपक्षी दल तहव्‍वुर राणा के प्रत्यार्पण का स्वागत कर रहे हैं, हालांकि इनका कहना है कि सरकार क्रेडिट लेने के लिए इसका प्रचार रह रही है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को लेकर बड़ा बयान दिया है। राउत ने कुलभूषण जाधव को लेकर भारत सरकार पर तंज भी कसा है। साथ ही राउत ने तहव्‍वुर राणा के प्रत्‍यर्पण का बिहार चुनाव कनेक्‍शन निकाला है।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग तहव्वुर राणा का फेस्टिवल मना रहें हैं । उन्होंने कहा, पकिस्तान के जेल में कुलभूषण जाधव सड़ रहा है, उसे लेकर आइये न। दाऊद इब्राहिम को लेकर आइए। जब तक बिहार का चुनाव होगा तब तक ये देश में तहव्वुर राणा फेस्टिवल मनाएंगे।

2009 से ही राणा को लाने की कोशिश जारी-राउत

संजय राउत ने कहा कि भारत सरकार 2009 से ही तहव्वुर राणा को लाने की कोशिश कर रही है। यह नहीं भूलना चाहिए कि तब केंद्र में यूपीए सरकार थी न कि मोदी सरकार। साल 2009 में एनआईए ने राणा और हेडली दोनों के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की थी। उस समय एनआईएच की टीम शिकागो गई थी और दोनों से पूछताछ भी की थी। संजय राउत ने कहा कि साल 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, तत्कालीन विदेश सचिव अमेरिका गए थे। उन्होंने हिलेरी क्लिंटन जो अमेरिकी सरकार में तब विदेश मंत्री थीं, उनसे राणा को भारत भेजने के बारे में चर्चा की थी। यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसका पालन होने से समय लगता है।

भारत में ऐसा प्रत्‍यर्पण कई बार हो चुका है-राउत

संजय राउत ने तहव्‍वुर राणा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में ऐसा (प्रत्‍यर्पण) कई बार हो चुका है। साल1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद इब्राहिम के गुर्गे अबू सलेम का हाथ था। वह भेष बदलकर पुर्तगाल में रह रहा था। भारतीय जांच एजेंसियों ने उसका पता लगाया और सलेम के आतंकवादी कृत्य के सबूत पुर्तगाली सरकार के सामने रखे। वहां की अदालत में बहस हुई और नवंबर 2005 में पुर्तगाल को सलेम को भारत के हवाले करना पड़ा। संजय राउत ने आगे लिखा कि सलेम पर भारत में मुकदमा चलाया गया और दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। फिर तो इस महत्वपूर्ण प्रत्यर्पण को मनमोहन सरकार की कूटनीति की सफलता ही कहा जाएगा। बेशक, मनमोहन सरकार में सलेम को भारत लाया गया था, इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘सलेम महोत्सव’ नहीं मनाया, जो आज तहव्‍वुर राणा के मामले में सोशल मीडिया पर चल रहा है।

कुलभूषण जाधव को राउत ने क्यों किया याद?

संजय राउत ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि वे घर में घुसकर मारेंगे, लेकिन वे लोग ही कुलभूषण जाधव, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को लेकर नहीं आ सके हैं। संजय राउत ने मांग की है कि देश में वित्तीय घोटालों के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भी भारत लाया जाए। हमें राणा जैसे किसी व्यक्ति को भारत लाकर यह नहीं दिखाना चाहिए कि यह एक बड़ी जीत है।

राणा की फांसी पर राउत का बड़ा दावा

शिवसेना सांसद ने आगे कहा कि तहव्वुर राणा को तुरंत फांसी दी जानी चाहिए। हालांकि, उसे बिहार विधानसभा चुनाव (जिसके इस साल के अंत तक होने की संभावना है) के दौरान फांसी दी जाएगी। जब तक बिहार का चुनाव होगा तब तक ये देश में तहव्वुर राणा फेस्टिवल मनाएंगे।

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