बोकारो -मई दिवस पर बोकारो में संकल्प सभा का आयोजन, श्रमिक अधिकारों पर बोले वक्ता

KK Sagar
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बोकारो: यूनियन संयुक्त मोर्चा, बोकारो के आह्वान पर मजदूर दिवस के अवसर पर बिरसा चौक पर एक संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रमिकों और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और वर्तमान समय में मजदूर वर्ग के सामने खड़ी चुनौतियों पर विचार करना था।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महान मई दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि मजदूर वर्ग के लिए प्रेरणा का दिन है, जो उन्हें संगठित होने, संघर्ष करने और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने की ताकत देता है। उन्होंने कहा कि यह दिन मानव श्रम की महत्ता, संगठित श्रम से होने वाले उत्पादन, निर्माण और सेवाओं के मूल्य को रेखांकित करता है।

वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि वर्तमान उत्पादन व्यवस्था में श्रमिक और किसान प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इनकी अनुपस्थिति में उत्पादन, निर्माण और सेवा गतिविधियाँ पूरी तरह ठप हो जाती हैं। केवल पूंजी, मशीन और संसाधनों से उत्पादन संभव नहीं है—इनका संचालन श्रमिकों के बिना अधूरा है।

सभा में केंद्र सरकार की नीतियों की भी आलोचना की गई। वक्ताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार “व्यापार करने में आसानी” के नाम पर कॉरपोरेट घरानों को राहत और रियायतें दे रही है, और राष्ट्रीय संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने के लिए MDO जैसे माध्यमों का सहारा ले रही है। इसके साथ ही, 29 मौजूदा श्रम कानूनों को समाप्त कर उन्हें चार श्रम संहिताओं में बदलना मजदूर वर्ग के लिए गंभीर खतरा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ये नए श्रम कोड कार्यस्थल के अधिकार, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और श्रमिक कल्याण जैसी मूल सुविधाओं को कमजोर करने का प्रयास हैं, जो वर्षों के संघर्ष से हासिल किए गए थे।

सभा में मौजूद सभी लोगों ने संगठित होकर इन नीतियों का विरोध करने और श्रमिक हितों की रक्षा के लिए एकजुट संघर्ष करने का संकल्प लिया।

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