मिरर मीडिया : सरना को अलग धर्म बनाने की मांग को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। इसे लागू करने को लेकर बार बार मांग उठ रही है। आपको बता दें कि इसी बीच सरना समिति के सदस्यों और आदिवासी समाज के साथ बैठक करने के बाद आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष सह पूर्व एमपी सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत बंद के बाद 30 जून विश्व सरना धर्म जनसभा का आयोजन कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे।
वहीं आगामी 15 जून को भारत बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने जैन धर्म की तुलना करते हुए कहा कि 2011 की जनगणना में जैन धर्म को मानने वालों की संख्या 44 लाख है जबकि आदिवासियों की संख्या 50 लाख इसके बावजूद सरना धर्म कोड को अबतक मान्यता नहीं मिली है। जैन समुदाय वालों को मिल चुकी है।
वहीं एक बार फिर पारसनाथ का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गिरिडीह के पारसनाथ में मरांग बुरु पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर हैं लेकिन झारखंड सरकार ने पांच जनवरी को भारत सरकार को यह लिखकर दे दिया कि वह पहाड़ जैन धर्म का है, जो कि आदिवासी समाज को अस्वीकार है।