मिरर डेस्क/जमशेदपुर: झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने बोकारो में कहा कि देश भर में नदियां उथली हो रही हैं और उनकी स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिसके कारण नदियां समस्याग्रस्त हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जल संसाधन मंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नदियों के लिए अपेक्षित कार्य नहीं हो सका। उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम विधायक सरयू राय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने दामोदर नदी को बचाने का बड़ा कार्य अपने हाथ में लिया है।

तेलमच्चो पुल के नीचे युगांतर भारती द्वारा आयोजित देवनद-दामोदर महोत्सव और गंगा दशहरा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि नदियों की स्थिति चिंताजनक है। विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के संयोग पर उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। दामोदर झारखंड की जीवनरेखा है और भगवान विष्णु के सहस्रनामों में से एक है।

राज्यपाल ने युगांतर भारती की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन ने पर्यावरण को जन आंदोलन बना दिया। दामोदर के किनारे बसे उद्योगों ने इसे नुकसान पहुंचाया, लेकिन सरयू राय के आंदोलन, पदयात्राओं और जनजागरूकता से स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि नदियों की स्वच्छता केवल सरकार या संस्थाओं की नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि दामोदर का उद्गम स्थल खोजा गया है, जहां से 25 किमी तक इसे देवनद और बाद में दामोदर कहा जाता है। उद्योगों ने दामोदर को नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन जन आंदोलन से स्थिति बदली है। उन्होंने सुझाव दिया कि महोत्सव स्थलों पर रिवर फ्रंट विकसित किए जाएं ताकि लोग वहां घूमने आएं।
बोकारो की विधायक श्वेता सिंह ने सरयू राय के प्रयासों की सराहना की और लोगों से दामोदर व इसकी सहायक नदियों को साफ रखने की अपील की। आईआईटी (आईएसएम) के प्रो. अंशुमाली ने कहा कि दामोदर और इसकी सहायक नदियों को उनका पुराना स्वरूप लौटाना जरूरी है। युगांतर भारती के अध्यक्ष अंशुल शरण ने बताया कि झारखंड के 45 स्थानों पर यह महोत्सव आयोजित हुआ, जो 2006 से निरंतर जारी है।