नई दिल्ली में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक बड़े स्तर पर विरोध प्रकट करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने जनता से अपील की है कि 30 अप्रैल की रात को 9 बजे, घरों, कारखानों और कार्यालयों में आधा घंटा बिजली बंद कर मौन प्रदर्शन किया जाए। इस कदम से सरकार द्वारा संपत्तियों पर अतिक्रमण करने के आरोप और कानून की असांविधानिकता पर जोरदार विरोध प्रकट किया जाएगा।
बोर्ड ने वक्फ बचाओ अभियान की रूपरेखा भी जारी की है। अभियान की शुरुआत 22 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से होगी, जहाँ से विरोध की लहर को विभिन्न सामाजिक और धार्मिक वर्गों तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही 11 से 18 अप्रैल तक अवकाफ संरक्षण सप्ताह भी मनाया जाएगा, जिसमें नमाज से पहले भाषणों और मानव शृंखला के माध्यम से वक्फ की सुरक्षा के लिए विस्तृत योजना पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच बैठक कर साझेदारी की संभावनाओं पर भी जोर दिया जाएगा।
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने स्पष्ट किया है कि यह विरोध सरकार के खिलाफ है और रैलियों या जुलूसों का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, शांतिपूर्ण मौन प्रदर्शन, प्रेस कॉन्फ्रेंस, और बड़े जिला मुख्यालयों में होने वाले शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया जाएगा। देश के 50 प्रमुख शहरों में, जिनमें लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, प्रयागराज और जयपुर भी शामिल हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा। इस विरोध आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना और भारतीय समाज में वक्फ की सुरक्षा तथा धार्मिक संपत्ति के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना है।
अंत में, यह अभियान न केवल कानून की असाविधानिकता पर प्रश्न उठाने का माध्यम बनेगा, बल्कि नागरिकों के बीच समाजिक एकता और जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत करेगा। आगामी दिनों में इस आंदोलन के प्रभाव और दिशा पर ध्यान रखा जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि जनता अपने अधिकारों के प्रति सजग है और सरकार से जवाबदेही की मांग कर रही है।