सावन मास आरंभ: शिवभक्ति का पावन महीना शुरू, जानें क्या करें और क्या नहीं

KK Sagar
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नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण (सावन) मास की शुरुआत आज शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से हो गई है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है और पूरे देशभर में श्रद्धालु इस दौरान व्रत, जलाभिषेक और पूजन के माध्यम से भोलेनाथ की आराधना करते हैं। सावन मास इस वर्ष 30 दिनों का होगा और इसका समापन 9 अगस्त 2025 को होगा।

🔱 भक्ति और आराधना का महीना

श्रावण मास में हर सोमवार को सावन सोमवार व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महिलाएं विशेष रूप से सौभाग्य और सुख-शांति की कामना से व्रत करती हैं, जबकि पुरुष आरोग्यता और सफलता की प्राप्ति हेतु पूजा-अर्चना करते हैं।


📆 सावन सोमवार व्रत की तिथियाँ

  1. पहला सोमवार – 14 जुलाई
  2. दूसरा सोमवार – 21 जुलाई
  3. तीसरा सोमवार – 28 जुलाई
  4. चौथा सोमवार – 4 अगस्त

🛕 शिवपूजन की विधि

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें

पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें

“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें

बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल और गंगाजल अर्पित करें


⚠️ सावन में क्या करें और क्या न करें?

✅ क्या करें:

हर सोमवार व्रत रखें

शिवलिंग पर जलाभिषेक करें

सत्कर्म, दान और पूजन करें

पंचामृत से अभिषेक करें

❌ क्या न करें:

मांसाहार, शराब, लहसुन-प्याज का सेवन न करें

झूठ, क्रोध, कटु वाणी से बचें

राहुकाल में पूजा से परहेज करें (10:30 AM से 12:00 PM)


🌿 धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावन मास में समुद्र मंथन हुआ था और इसी मास में नीलकंठ रूप में भगवान शिव ने हलाहल विष पिया था। इसी कारण यह महीना शिवभक्तों के लिए विशेष फलदायी माना गया है।


🪔 उपाय: पांच स्थानों पर दीपक जलाएं

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सावन मास में इन पांच स्थानों पर दीपक जलाना शुभ माना गया है—

  1. शिव मंदिर में
  2. तुलसी या शमी के नीचे
  3. पीपल वृक्ष के नीचे
  4. घर के मुख्य द्वार पर
  5. पूजा स्थल में

📜 विशेष पर्व सावन मास में

23 जुलाई: सावन शिवरात्रि

24 जुलाई: हरियाली अमावस्या

27 जुलाई: हरियाली तीज

29 जुलाई: नाग पंचमी

9 अगस्त: रक्षाबंधन (पूर्णिमा व समापन)


🧘 समर्पण से मिलेगा वरदान

धार्मिक आस्था के अनुसार, जो श्रद्धालु सावन मास में पूरी निष्ठा और विधिपूर्वक शिवभक्ति करते हैं, उन्हें पारिवारिक सुख, मानसिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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