जमशेदपुर। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा तुलसी भवन बिष्टुपुर में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षकों विद्यार्थियों एवमं अविभावकों की भूमिका पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के तहत पहले सत्र में कुल 6 सरकारी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने पीपीटी के माध्यम से अपनी कक्षा में प्रयोग किए गए नवाचार के बारे में बताया। सिंपल शर्मा, अंजू कुमारी, मनोज कुमार सिंह, अरविंद तिवारी एवं किशोर प्रसाद ने अपने विचारों को साझा किया।औपचारिक शुभारंभ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया ।अतिथियों में सुरेश गुप्ता, न्यासी एवमं अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ल, निदेशक एनआईटी जमशेदपुर, अमरकांत झा प्रदेश संयोजक, डॉ रंजीत प्रसाद असोसिएट प्रोफेसर एनआईटी जमशेदपुर, डॉ कविता परमार, विभाग संयोजक, शिव प्रकाश शर्मा महानगर संयोजक उपस्थित रहें। मुख्य वक्ता सुरेश गुप्ता ने कहा कि शिक्षा इस राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप होनी चाहिए ।नई शिक्षा नीति में भारतीय सोच और दृष्टिकोण को स्थान दिया गया है। इसलिए इस शिक्षा नीति को लागू किया जाना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ला ने कहा कि मातृभाषा में सीखना और सिखाना ज्यादा सहज है। जिस पर नई शिक्षा नीति में बल दिया गया है। जीवन में अच्छे शिक्षकों का हमेशा महत्व है। शिक्षकों को रचनात्मक और सृजनात्मक सोच रखनी चाहिए। अतिथियों के द्वारा सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। श्रीमन क्लास में एनईपी 2020 पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेता और प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। प्रथम सत्र का संचालन शिक्षक प्रशिक्षण विभाग की प्रमुख डॉ. अनिता शर्मा एवमं द्वितीय सत्र का संचालन भारतीय भाषा विभाग प्रमुख डॉ. कल्याणी कबीर ने किया।स्वागत भाषण डॉ कविता परमार, धन्यवाद ज्ञापन महानगर संयोजक शिवप्रकाश शर्माजी ने किया। इस कार्यक्रम में शहर के करीब 50 संस्थाओं (विश्वविद्यालय,महाविद्यालय, आइटीआइ, विद्यालय)की सहभागिता रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में इंडिकॉन इंडस्ट्री, रेनटेक आई टी आई, श्रीनाथ यूनिवर्सिटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संगोष्ठी में 500 लोगो की उपस्थिति रही।