चौंकाने वाली खबर : ऐमज़ान ई-कॉमर्स पोर्टल पर बिका 1 करोड़ से अधिक का गांजा, एमपी पुलिस ने किया खुलासा, कैट ने की कार्रवाई की मांग

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : व्यापारियों और भारत के लोगों के लिए यह सबसे चौंकाने वाली मीडिया खबर है कि ऐमज़ान ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से 1 करोड़ रुपये से अधिक का गांजा बेचा गया जिसके एवज़ में अमेज़ॅन को 66 प्रतिशत कमीशन मिला। यह सनसनीखेज खुलासा किया है मध्य प्रदेश पुलिस ने। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से तत्काल इस संगीन मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए यह भी मांग की है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को ऐमज़ान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इसने विक्रेता के रूप में काम किया, पैसा एकत्र किया, अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया, कमीशन अर्जित किया और आर्यन खान पर लगाये गए आरोपो से भी ज्यादा गम्भीर कृत्य अमेज़न ने किए जिसके लिए उस पर सख्त कार्यवाही होना जरूरी है।

कैट के राष्ट्रीय सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि किसी भी विक्रेता को पोर्टल पर पंजीकृत करने से पहले, अमेज़ॅन को विक्रेता की वास्तविकता के बारे में जानने के लिए केवाईसी करना आवश्यक है। इसके अलावा, अमेज़ॅन को गाँजा जैसी अवैध वस्तुओं की बिक्री की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। इसके अलावा, हम यह समझने के असमर्थ हैं कि एक तकनीकी दिग्गज कम्पनी अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का उपयोग अवैध वस्तुओं की बिक्री की पहचान करने के लिए क्यों नहीं करते हैं, जबकि वे इन तकनीकों का उपयोग छोटे एमएसएमई के उत्पादों की पहचान और इंडियन मैन्युफैक्चरर्स के उत्पादों बना कर स्वयं के निजी लेबल उत्पाद बनाने में करते है।सोन्थालिया ने एनसीबी सहित सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस अवैधता के लिए अमेज़ॅन और उसके शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की माँग की है। यदि गाँजा को उनके पोर्टल के माध्यम से बेचा जा सकता है तो वो दिन दूर नही जब हथियारों की अवैध आपूर्ति या अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में व्यापार भी उनके पोर्टल द्वारा संचालित होगा ।

कैट ने कहा की सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत एक मध्यस्थ होने का दावा कर रहा था और इसलिए सुरक्षित बंदरगाह प्रावधानों का लाभ मांग रहा था। हालांकि, किसी भी विक्रेता को गांजा जैसी प्रतिबंधित/अवैध वस्तु को बेचने की अनुमति देकर, भुगतान स्वीकार करना, डिलीवरी की सुविधा देना और सुनिश्चित करना और इसके परिणामस्वरूप बिक्री कमीशन के रूप में लाभ अर्जित करने को किसी भी तरीके से ई-कॉमर्स मध्यस्थ नहीं कहा जा सकता है। सोन्थालिया ने कहा कि कैट ने 2016 से अमेज़ॅन द्वारा नियमों और नीतियों के उल्लंघन के खिलाफ अपनी मजबूत आवाज उठाई है, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे उनके कानून का उल्लंघन करने वाली प्रथाओं को काफी हद तक बढ़ावा मिला है। यह एक स्वीकृत तथ्य है कि विदेशी निवेश वाली कंपनियां भारत को एक बनाना रिपब्लिक के रूप में मान रही हैं जहां वे किसी भी समय कानूनों और नीतियों को अपने पक्ष में तोड़ मोड़ कर इस्तेमाल कर सकती हैं।

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