धूमधाम से मनाई जा रही है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : जाने कब करें लड्डू गोपाल की पूजा और व्रत

KK Sagar
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26 अगस्त को पूरे देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 26 अगस्त को मनायी जाएगी जबकि रात 12 बजकर 45 मिनट तक जन्माष्टमी मनाने का शुभ समय है।

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की शुरुआत रविवार, 25 अगस्त 2024 को शाम 06:09 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन सोमवार 26 अगस्त 2024 को शाम 04:49 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल जन्माष्टमी पर चंद्रमा के वृषभ राशि में होने से जयंती योग का निर्माण होगा। यह योग पूजा करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है इस मुहूर्त में पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12.01 बजे से 12.45 तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को पूजा करने के लिए सिर्फ 45 मिनट का ही मुहूर्त मिलेगा।

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की विधि विधान से पूजा करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इस दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने कंस कारागार में मध्यरात्रि को जन्म लिया था। उसी रात्रि को श्रीकृष्ण के पिता वासुदेव उन्हें गोकुल छोड़ आए थे। इसलिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करने के साथ व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा करने से जीवन सभी दुखों से मुक्ति मिलती है साथी ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है।

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने से संपूर्ण इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन विधिपूर्वक यशोदा नदंन की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वहीं जिन दंपतियों की संतान की चाह है वे जन्माष्टमी की दिन लड्डू गोपाल की उपासना जरूर करें। साथ ही उन्हें माखन, दही, दूध, खीर, मिश्री और पंजीरी का भोग भी लगाएं। जन्माष्टमी का व्रत रखने से भक्तों के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और धन-संपन्नता में भी बढ़ोतरी होती है।

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