मिरर मीडिया धनबाद : झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आवाहन पर लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी धनबाद बार एसोसिएशन के तमाम अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखा । जिस कारण सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के मामले में दोषी करार दिए गए बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो को बिना वकील के ही अदालत में सरेंडर करना पड़ा और वह जेल गए। वही 48 विभिन्न जमानत आवेदनों पर भी बहस करने के लिए अधिवक्ता हाजिर नहीं हुए 16 गवाहों का प्रति परीक्षण नहीं किया जा सका तथा मेडिएशन सेंटर में भी सुलह समझौते का काम नहीं किया जा सका।
स्टेट बार काउंसिल के स्टीयरिंग कमिटी के चेयरमैन राधेश्याम गोस्वामी, बार काउंसिल के मेंबर प्रयाग महतो ने कहा कि अधिवक्ताओं के एकता को सरकार नहीं तोड़ सकती । 7 जनवरी को मुख्यमंत्री ने जो वायदे किए हैं उसे लिखित रूप में काउंसिल को अवगत कराएं और उसमें समय सीमा बताएं कि कितने दिनों के अंदर अधिवक्ताओं की मांग को पूरा किया जाएगा तब अधिवक्ता अपने काम पर लौटेंगे अन्यथा 10 जनवरी को सभी जिला एसोसिएशन से विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। धनबाद बार एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि धनबाद में सभी अधिवक्ताओं ने आज भी खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा है और काउंसिल के निर्णय के साथ है ।वहीं दूसरी ओर धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र सहाय, ने कहा कि धनबाद बार एसोसिएशन ने बार काउंसिल के आदेश पर खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखा है। ऐसोसिएशन ने सरकार से कोर्ट फी को आम जनता के हित में वापस लेने का आग्रह किया है।साथ ही अधिवक्ताओं का बीमा, बार एसोसिएशन में लोक अभियोजक, को अधिवक्ताओं के बीच से बहाल करने। अपर लोक अभियोजकों की संख्या को बढ़ाने ।
अधिवक्ताओं के हित के लिए कल्याण कोष का गठन करने , अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है। 10 तारीख को बार काउंसिल के साथ सभी जिला एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव की बैठक है उसमें जैसा निर्णय होगा उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी