दुनिया का पहला सोशल मीडिया बैन कानून लागू हो गया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट रखने से प्रतिबंधित कर दिया है। इस कदम के बाद अब भारत में भी इसी तरह का कानून लाने की आवाज़ें उठने लगी हैं, खासकर मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को ऐसा कानून लागू करने का सुझाव दिया है।
🇦🇺 ऑस्ट्रेलिया का नया कानून — क्या है खास?
ऑस्ट्रेलियाई संसद ने 2024 में पास किए गए Online Safety Amendment Act के तहत यह कानून लागू किया है। अब कोई भी व्यक्ति जो 16 वर्ष से कम उम्र का है, वह Facebook, Instagram, TikTok, Snapchat, X, YouTube जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खाता नहीं बना पाएगा।
कानून 10 दिसंबर 2025 से लागू हो गया है।
यदि कोई प्लेटफॉर्म इस नियम को नहीं मानता है, तो उस पर लाखों डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यह कदम बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और डेटा प्राइवेसी को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
यह कानून ऑस्ट्रेलिया को सोशल मीडिया पर 16 साल से नीचे के बच्चों को प्रतिबंधित करने वाला पहला देश बनाता है।
🇮🇳 मद्रास हाईकोर्ट ने क्या कहा?
मद्रास हाईकोर्ट की एक पीआईएल (Public Interest Litigation / जनहित याचिका) सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि इंटरनेट पर बच्चों की पहुंच और भेद्यता को देखते हुए भारत सरकार को ऑस्ट्रेलिया की तरह सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर विचार करना चाहिए।
⚖️ कोर्ट के सुझाव के मुख्य बिंदु:
केंद्र सरकार “ऑस्ट्रेलियाई मॉडल जैसे कानून” पर विचार कर सकती है।
शिक्षित और सुरक्षित डिजिटल माहौल के लिए जागरूकता अभियान भी तेज़ किए जाएं।
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और प्लेटफॉर्म्स को बच्चों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं।
🧒 क्यों हो रहा यह कदम?
सोशल मीडिया पर कम उम्र के बच्चों की भागीदारी को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ी है। आलोचनाओं में यह कहा जाता है कि जल्दी-जल्दी सोशल मीडिया उपयोग बच्चे की मानसिक सेहत, नींद और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
📊 आलोचक यह भी कहते हैं कि प्रतिबंध का गलत प्रभाव यह हो सकता है कि बच्चे इसे बचाकर दूसरी अनियमित वेबसाइट्स तक पहुँच सकते हैं।
🟡 भारत में क्या बदलाव संभव है?
भारत में फिलहाल स्पष्ट कानून नहीं है जो 16 वर्ष से कम बच्चों को सोशल मीडिया से रोकता हो। हालांकि इस दिशा में न्यायपालिका की चिंताएँ और सुझाव सामने आए हैं, और अब केंद्र सरकार के पास विचार करने का प्रस्ताव है कि क्या ऑस्ट्रेलिया जैसा कानून भारत में भी लागू किया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर दुनिया में पहली बार सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया है। अब भारत में भी मद्रास हाईकोर्ट के सुझाव के बाद इसी तरह के कानून को अपनाने पर विचार चल रहा है। यह कदम सामाजिक सुरक्षा, बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है, लेकिन लागू करने और प्रभावों को लेकर अभी बहस जारी है।

