Table of Contents
Dhanbad एक खनिज संपदा क्षेत्र है यहाँ भारी मात्रा में कोयला निकाला जाता है यही वज़ह है कि कोयले की ढूलाई को लेकर यहाँ बड़ी संख्या में वाहन भी चलाया जाता है। यहाँ CMRI, CFRI IIT ISM सहित कई बड़े संस्थान होने के कारण भी छोटे बड़े वाहनों का आवागमन होता है। इस दृष्टिकोण से यहाँ यातायात व्यवस्था सुदृढ़ और दुरुस्त होना लाज़मी है।
यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना दुर्घटना को आमंत्रण देना
बता दें कि यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना दुर्घटना को आमंत्रण देना है। जिसमें सबसे प्रमुख कारण तेज रफ़्तार होता है। जबकि नशीले पदार्थ का सेवन कर भी वाहन चलाना एक बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण देना होता है। जिले में आठ लेन की सड़क को देखते ही लोग अपने वाहन लेकर सरपट दौड़ने लगते हैं। जहाँ नियमों की अनदेखी और लापरवाही दुर्घटना का कारण बन जाती है।
Dhanbad के शक्ति चौक से गोल बिल्डिंग तक 14 जगह ऐसे जहां बालू-गिट्टी के ढेर
इसके अलावे सड़क के किनारे पर जगह जगह अतिक्रमण और बालू-गिट्टी के ढेर का होना भी इसका कारण है। जानकारी दे दें कि Dhanbad शक्ति चौक से गोल बिल्डिंग तक आठ लेन सड़क के दोनों किनारे 14 जगह ऐसे हैं, जहां बालू-गिट्टी का ढेर लगा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये किसी दिन बड़े हादसे को अंजाम देंगे।
कई बड़ी संस्थाएं सड़कों पर कर रखा है अतिक्रमण
Dhanbad में 8 लेन सड़कों की हालत ये है कि सड़क किनारे कई बड़ी संस्थाएं सड़कों का अतिक्रमण कर रखा है। जबकि यातायात से सम्बंधित साइन बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। लिहाजा ऐसे व्यस्तम सड़क को लेकर सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने वाला प्रशासन खुद सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं है।
सड़क सुरक्षा समिति में आठ लेन सड़क सहित शहर की प्रमुख सड़कों से अतिक्रमण हटाने का दिया गया था निर्देश
ज्ञात रहें कि पिछले वर्ष सड़क सुरक्षा समिति ने आठ लेन सड़क सहित शहर की प्रमुख सड़कों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था जिसमें बिनोद बिहारी चौक से आगे शहर के चर्चित अस्पताल, शक्ति चौक, डिनोबिली स्कूल भूली, मेमको मोड़ और सहयोगी नगर के पास से सड़क पूरी तरह खाली कराने का निर्देश दिया गया। उस वक्त SDO के आदेश पर अभियान भी चलाया गया था पर आलम ये है कि आजतक अस्पताल के सामने सर्विस लेन से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका।
सड़क सुरक्षा समिति की होती है बैठक : नहीं होता है अनुपालन
देखा जाए तो सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में की गई सभी बड़ी-बड़ी बातें सिर्फ वहीं तक सिमट कर रह जाती है और इसका अनुपालन तो दूर की बात इसकी समीक्षा तक नहीं की जाती। और स्थिति से जनता को दो चार होना पड़ रहा है।
Dhanbad में सड़क सुरक्षा समिति की हुई बैठक में इन चीजों के लिए दिए गए थे निर्देश
Dhanbad पथ प्रमंडल काे रणधीर वर्मा चाैक, श्रमिक चाैक, पूजा टाकिज मार्ग, आंबेडकर चाैक, बैंक माेड़ में डैमेज साइनेज एवं अनावश्यक लाेहे के एंगल काे सुरक्षा के दृष्टिकाेण से हटाने व पीली रेखा बनाने काे कहा गया था। जिले से हाेकर गुजरने वाली सभी प्रमुख सड़काें में बने स्पीड ब्रेकर, जेब्ररा क्रासिंग, कल्वर्ट, ब्रिज, क्रेश बैरियर, पेडस्ट्रेन गार्ड राेल, राेड लाइनिंग पथ निर्माण काे करना था।
नेशनल हाइवे पर सर्विस लेन के पास स्थित ढाबा और होटल के पास बड़ी वाहनो को खड़ी करने पर रोक
शहर के दृष्टिकाेण से भारी वाहनाें एवं बस यात्रियाें के लिए निर्धारित नए रूट में राेड सेफ्टी की टीम के साथ निरीक्षण कर त्रुटियाें काे दूर करने, आवश्यक साइनेज, राेड फर्नीचर, साेलर ब्लिंकर, व्हाइट लाइन बनाने का जिम्मा पथ प्रमंडल व शाज काे दिया गया था। आठ लेन सड़क में अस्पताल के पास एक लेन पर पूरी तरह वाहनों के लगे रहने से होने वाली परेशानी पर चर्चा हुई थी। यहां अतिक्रमण कर वाहनों की पार्किंग की जा रही है।
इस कारण आवागमन की सुविधा तथा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। उप विकास आयुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी, नगर निगम व ट्रैफिक डीएसपी को एक समिति बनाकर इसके निष्पादन को लेकर निर्देशित किया गया था। मुख्य सड़क पर पार्किंग पर रोक लगाने की बात हुई थी। नेशनल हाइवे पर सर्विस लेन के पास स्थित ढाबा और होटल के पास बड़ी वाहनें खास कर ट्रक खड़ी करने पर रोक लगाने को कहा गया था। लेकिन परिस्थिति आपके सामने है।
20 किमी की 8 लेन की सड़क पर एक दो ही दिखती है साइन बोर्ड
गौरतलब है कि 20 किमी की 8 लेन की सड़क पर इक्का-दुक्का ही सांकेतिक बोर्ड दिखाई देगा। जिस पर जानकारियां लिखी होती हैं। हालांकि देखा जाए तो आगे आने वाली जानकारी जैसे आगे स्कूल है, गति धीमी रखें, आगे अंधा मोड़ है, धीमे चलें, ग्रामीण सड़क जुड़ी हुई है, चौराहा है। इत्यादि सांकेतिक बोर्ड संभावित दुर्घटना को रोकने में काफ़ी हद तक मददगार साबित होता है जिसे सड़क के किनारे लगाया जाना अति आवश्यक होता है।
जरुरत है जिला परिवहन विभाग, जिला प्रशासन एवं सड़क सुरक्षा समिति को ठोस कदम उठाने की
बहरहाल इसे लेकर जिस तरह से जिला परिवहन विभाग, जिला प्रशासन, सड़क सुरक्षा समिति की उदासीनता देखी जा रही है ऐसे में कैसे कम की जा सकेगी दुर्घटनाएं। जरुरत है एक ठोस कदम के तहत सफल कार्रवाई करने की जिससे कि फिर भविष्य में दो बहनों के जैसे कोई और मौत का शिकार ना होने पाए।