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जल्द भारत लाया जा सकता है मुंबई हमलों का गुनहगार आतंकी तहव्वुर राणा, बचने के सारे रास्ते बंद

डिजिटल डेस्क |मिरर मीडिया :देश को अपने आतंक से दहलाने वाले मुंबई हमलों के गुनहगार आतंकी तहव्वुर राणा के बुरे दिन अब शुरू होने वाले हैं। आतंकी तहव्वुर राणा जल्द भारत लाया जा सकता है। खबर आ रही है कि राणा के प्रत्यर्पण से संबंधित सारी औपचारिकताएं अमेरिका के साथ भारतीय एजेंसियों ने पूरी कर ली है। अमेरिका की अदालत में सारे जरूरी कागजात भारतीय एजेंसी ने सौंप दिए हैं और अदालत की अनुमति भी ले ली गई है।

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत की एजेंसियां अमेरिका में मौजूद हैं। सूत्रों का कहना है कि उसके प्रत्यर्पण से संबंधित सारी कागजी औपाचारिकताएं अमेरिका के साथ पूरी की जा चुकी है। भारतीय एजेंसियों ने अमेरिका की अदालत में सारे जरूरी कागजात ने सौंप दिए हैं और अदालत की अनुमति भी ले ली है। अमेरिका ने भी प्रत्यार्पण को लेकर हामी भर दी है। अब किसी भी वक्त आतंकी तहव्वुर राणा भारत लैंड कर सकता है। सूत्रों की मानें तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि तहव्वुर राणा को आज ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

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खुद डोभाल कर रहे प्रत्यर्पण की निगरानी

सूत्रों का कहना है कि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पूरी निगरानी खुद अजीत डोभाल ही कर रहे हैं। अमेरिका से कैसे तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा, क्या-क्या ऑपचारिकताएं हैं और उसे भारत की किस जेल में रखा जाएगा, भारत लाने के बाद उसके साथ क्या होगा, इन सब पर अजीत डोभाल की पूरी नजर है। वह खुद गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठकर तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की पटकथा लिख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो तहव्वुर राणा के भारत आने और अदालत में पेश होने के बाद एनआईए उसकी हिरासत में पूछताछ की मांग कर सकती है।

कहां रखा जाएगा तहव्वुर राणा को?

अब सवाल है कि तहव्वुर राणा भारत आएगा तो कहां रखा जाएगा? इसके लिए दो ऑप्शन हैं। पहला दिल्ली की तिहाड़ जेल और दूसरा मुंबई की आर्थर रोड जेल। इन दोनों जगहों पर तैयारी पूरी है। आखिरी फैसला अभी लेना बाकी है।

भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ

इससे पहले पिछले महीने ही आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। उसने दलील दी थी कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाता है तो वहां उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है।

मुंबई हमले में था हाथ

आरोपी तहव्वुर राणा पाकिस्तान की निवासी है। उसने 10 साल पाकिस्तान की सेना में बतौर डॉक्टर काम किया है। फिर नौकरी छोड़ने के बाद वो भारत के खिलाफ नापाक साजिशों में लग गया। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, 2006 से नवंबर 2008 तक आरोपी राणा ने डेविड हेडली और पाकिस्तान के अन्य लोगों के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रची थी। उसने मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी की मदद की थी।


26/11 यानी 26 नवंबर 2008 वो तारीख जिस दिन मुंबई में एक भयानक आतंकी साजिश को अंजाम दिया गया। रात के वक्त 10 आतकंवादियों ने अलग-अलग स्थानों को घेरकर गोलीबारी शुरू कर दी थी। समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के थे। यह हमले चार दिन बाद यानी 29 नवंबर को खत्म हुए थे। इस आतंकी साजिश में 166 बेकसूरों की मौत हुई थी। वहीं, हमले में 300 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।

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