डिजिटल डेस्क/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में 10 जून को पहलगाम आतंकी हमले और भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष प्रस्ताव पेश किया जाएगा। विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस मुद्दे पर दो घंटे की चर्चा होगी, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो सकती हैं। यह प्रस्ताव भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सेना की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए लाया जा रहा है, जिसे ‘महत्वपूर्ण’ माना जा रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र 9 जून से शुरू हो रहा है, जो करीब दो सप्ताह तक चलेगा। सत्र में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के अलावा गंगा कटाव और पेयजल समस्या जैसे अहम मुद्दों पर भी प्रस्ताव लाए जाएंगे। कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जाने हैं।
सत्तारूढ़ और विपक्ष में एका, पर सवाल भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच सेना की उपलब्धियों को लेकर कोई मतभेद नहीं है। दोनों दल सेना के सम्मान में एकजुट हैं, जैसा कि हाल ही में भाजपा की ‘तिरंगा यात्रा’ और तृणमूल के विभिन्न आयोजनों से स्पष्ट है। हालांकि, तृणमूल के कुछ नेताओं ने पहलगाम हमले में सुरक्षा व्यवस्था और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिसके जवाब में यह प्रस्ताव चर्चा का केंद्र बन सकता है।
सर्वदलीय बैठक में भाजपा की गैर मौजूदगी
गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल भाजपा शामिल नहीं हुई। केवल आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी मौजूद थे। इस अनुपस्थिति ने सत्र की सुचारुता पर सवाल खड़े किए हैं। फिर भी स्पीकर बिमान बनर्जी को उम्मीद है कि सभी दल सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में थोड़ी ‘गर्मी’ स्वाभाविक है, लेकिन सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चलेगा।’
मुर्शिदाबाद पर अलग चर्चा की मांग
भाजपा ने सत्र में मुर्शिदाबाद के कुछ क्षेत्रों में हुई हत्याओं और लूटपाट को लेकर अलग चर्चा की मांग की है, जिसमें वे सत्तारूढ़ तृणमूल पर निशाना साध रहे हैं। स्पीकर ने कहा कि संवैधानिक दायरे में जो संभव होगा, वह किया जाएगा। सत्र में कई अहम विधेयक पेश होंगे, जिनमें गंगा कटाव और पेयजल जैसे स्थानीय मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्पीकर ने सभी दलों से सत्र को सुचारु और रचनात्मक बनाने की अपील की है।