डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : झारक्राफ्ट द्वारा गोपाल मैदान, बिष्टुपुर, जमशेदपुर में 01 से 14 दिसंबर 2025 तक आयोजित स्टेट हैंडलूम एक्सपो-2025 देशभर के पारंपरिक हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पादों का एक शानदार संगम है। यह एक्सपो भारत की समृद्ध वस्त्र व हस्तकला विरासत को एक मंच पर लाने और स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य आकर्षण: कश्मीर और कच्छ के अनूठे स्टॉल
इस वर्ष एक्सपो में दो प्रमुख स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, जो देश के दो विपरीत भौगोलिक क्षेत्रों की उत्कृष्ट कला को प्रदर्शित करते हैं:
स्टॉल 110: कश्मीरी हस्तशिल्प की भव्यता
स्टॉल संख्या 110 में नारवारा और राजेकदल, श्रीनगर के कारीगरों द्वारा कश्मीरी हैंडलूम की उत्कृष्ट विरासत को प्रदर्शित किया जा रहा है।
प्रमुख उत्पाद
शानदार पश्मीना शॉल, कश्मीरी साड़ियां, आकर्षक शॉल और अन्य हस्तनिर्मित वस्त्र। इन उत्कृष्ट उत्पादों की कीमत 1,000 से 2,50,000 रुपए तक है, जो इनकी बारीक शिल्पकला और पारंपरिक कढ़ाई की श्रेष्ठता को दर्शाती है।
स्टॉल 128: कच्छ, गुजरात की पारंपरिक कला
स्टॉल संख्या 128, ‘जगदीश हैंडीक्राफ्ट’, कच्छ, गुजरात की रंग-बिरंगी और बेजोड़ पारंपरिक कला का केंद्र बना हुआ है।
प्रमुख उत्पाद
गुजराती डिज़ाइनर बेडशीट्स व कुशन कवर, हैंडक्राफ्टेड रनर व वॉल हैंगिंग्स, आकर्षक व दमकते डिज़ाइनर बैग्स, पारंपरिक और प्रामाणिक कच्छ हस्तशिल्प। ये किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं 100 से 2,000 रुपए की मूल्य सीमा में उपलब्ध हैं।
खरीदारी और प्रोत्साहन
दोनों स्टॉलों पर आगंतुकों की सुविधा के लिए डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था उपलब्ध है, जिससे खरीदारी सहज और सुगम हो गई है। झारक्राफ्ट का यह आयोजन पारंपरिक शिल्प संरक्षण और स्वदेशी वस्त्रों के प्रोत्साहन की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह स्थानीय व राष्ट्रीय कारीगरों के कौशल और मेहनत का सम्मान करता है। जिला प्रशासन नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में एक्सपो पहुंच देश की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत को करीब से देखें, कारीगरों को प्रोत्साहित करें और स्वदेशी वस्त्रों को समर्थन दें।

