जिले में सख्ती से पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट लागू कराने का निर्देश, फॉर्म-एफ नहीं भरने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों को सख्त चेतावनी, सेंटर बंद करने की होगी कार्रवाई

Manju
By Manju
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जमशेदपुर : उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में पी.सी एंड पी.एन.डी.टी तथा जिला स्वास्थ्य समिति व डी.टी.एफ (इम्युनाइजेशन) को लेकर बैठक की गई। उपायुक्त द्वारा जिले में सख्ती से पी.सी & पी.एन.डी.टी एक्ट को लागू कराने का निर्देश दिया गया। उन्होने कहा कि लिंग निर्धारण गतिविधि में शामिल होना कानूनन अपराध है। ऐसे में जिले के सभी अल्ट्रासाउंड संचालक यह सुनिश्चित करें कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की जानकारी अवैध रूप से उनके माता-पिता या परिजनों को मिले। उपायुक्त द्वारा गर्भवती महिलाओं से संबधित फॉर्म-एफ नहीं भरने वाले अल्ट्रासाउंड संचालकों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि इस तरह कि गतिविधि जांच में पकड़ी जाती हो तो संबंधित सेंटर को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। जिले में अवस्थित कुल 123 अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी हाल में पोर्टेबल मशीन को एक जगह से दूसरे जगह नहीं ले जायें जिससे वे लिंग निर्धारण गतिविधि में शामिल हो सकें। अल्ट्रासाउंड मशीन पर काम करने वाले चिकित्सक या टेक्नीशियन दो से ज्यादा क्लीनिक में अपनी सेवा नहीं देंगे। बैठक में कुछ नए अल्ट्रासाउंड की स्थापना व रिन्यूवल को लेकर आवेदन प्राप्त हुए जिसपर उपायुक्त ने कहा कि पी.सी एंड पी.एन.डी.टी के तहत जिन्हें अनुमति देना है उनका क्लीनिकल एस्टिबलिशमेंट एक्ट के तहत निबंधन जरूरी है, ऐसे में आवेदनकर्ताओं के सेंटर की जांच के बाद इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही जिले में अवस्थित 123 अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों से फॉर्म-एफ प्रत्येक महीने के 2 से 3 तारीख तक अनिवार्य रूप से भरकर ऑनलाइन जमा करने की बात कही गई। फॉर्म-एफ में अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी होती है। उपायुक्त ने कहा कि चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन होने पर ही अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है। फॉर्म-एफ में महिला का पहचान पत्र, कितने महीने का गर्भ है ये लिखना जरूरी है तथा किसी भी रूप में लिंग निर्धारण की जानकारी संबंधितों को नहीं देना है। ‘लिंग का जांच यहां नहीं होता है, यह कानून अपराध है’ इसे सुस्पष्ट अक्षरों में (देवनागरी लिपि व अंग्रेजी में) अल्ट्रासाउंड सेंटर में लिखा होना जरूरी है। उन्होने कहा कि अल्ट्रासाउंड सेंटर में किसी भी तरह की अनियमितता की जांच के लिए आदेश दिया गया है ।

उपायुक्त विजया जाधव द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में मातृ मृत्यु दर पर चिंता जाहिर की गई। उन्होने गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य से ए.एन.सी जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी एम.ओ.आई.सी को सेविका, सहिया व एएनएम के बीच प्रेगनेंसी टेस्टिंग किट का वितरण करने का निदेश दिया गया। ताकि गर्भवती महिलाओं की जांच कर उचित परामर्श ससमय दिया जा सके। संस्थागत प्रसव के डाटा संधारण में पिछड़ने वाले प्रखंड पोटका, डुमरिया, गोलमुरी सह जुगसलाई को आसपास के जिले या पड़ोसी राज्यों में जाकर डिलिवरी कराने वालों के आंकड़ा संधारण करने का निदेश दिया गया। ताकि अपने घर में कितने लोग डिलिवरी करा रहे हैं इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके। इस संबंध में संबंधित पोषक क्षेत्र के एएनएम, सहिया, जेएसएलपीएस की एसएचजी से सहयोग लेने का निदेश दिया गया।

बच्चों के नियमित टीकाकरण में 90 फीसदी से जिन प्रखंडों की कम उपलब्धी रही उनमें शत प्रतिशत बच्चों के टीकाकरण सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया। कुपोषण उपचार केन्द्रों में बेड ऑक्यूपेंसी बढ़ाने तथा नियमित रूप से बच्चों का जांच करते हुए कुपोषित पाये जाने पर नजदीकी एम.टी.सी में रेफर करने का निदेश एम.ओ.आई.सी. को दिया गया। आंगनाबड़ी सेविका व सहिया ऐसे बच्चों को चिन्हित करने की कार्रवाई करेंगी। मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर का लाइन लिस्टिंग कर सूची जिला मुख्यालय में उपलब्ध कराने का निदेश सभी एम.ओ.आई.सी को दिया गया। साथ ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने वालों में बहरागोड़ा, जुगसलाई, डुमरिया, पोटका में मरीजों की संख्या कम पाया गया। जिसपर उपायुक्त द्वारा शत प्रतिशत योग्य लाभुकों को उक्त योजना से आच्छादित करने के लिए निदेशित किया गया। उपायुक्त द्वारा वेसे प्रखंड जिनमें ममता वाहन की संख्या कम है वहां इसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया ताकि दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत जिलेवासियों को आकस्मिक स्थिति में समय पर अस्पताल पहुंचाते हुए उचित चिकित्सीय सुविधा दी जा सके।

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