भारत में स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) और टेलीकॉम रेगुलेटर मिलकर सख्त कदम उठा रहे हैं। नई नीतियों और अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए सरकार फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
रोज़ 1.3 करोड़ फर्जी कॉल्स ब्लॉक
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, सरकार हर दिन 1.3 करोड़ (13 मिलियन) फर्जी कॉल्स को ब्लॉक कर रही है। इसके अलावा, 2.6 करोड़ (26 मिलियन) मोबाइल डिवाइसेज को साइबर धोखाधड़ी से जुड़े होने के कारण ब्लॉक किया गया है, जबकि 1.6 करोड़ (16 मिलियन) चोरी हुए मोबाइल फोन्स को ट्रैक किया गया है।
संचार साथी पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च
फर्जी कॉल्स की रोकथाम के लिए सरकार ने संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया है, जिसकी मदद से अब तक 86% स्पूफ कॉल्स को ट्रेस कर ब्लॉक किया जा चुका है। हाल ही में, इस पोर्टल का एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिसे एंड्रॉइड और iPhone यूजर्स डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के जरिए लोग फर्जी कॉल्स की रिपोर्ट कर सकते हैं और यह भी जांच सकते हैं कि उनके नाम पर कोई फर्जी सिम कार्ड तो जारी नहीं हुआ है।
AI तकनीक से होगा फर्जी कॉल्स पर नियंत्रण
सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित स्पैम डिटेक्शन तकनीक अपनाने का निर्देश दिया है। एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) पहले ही AI-ड्रिवन स्पैम कॉल सिस्टम लागू कर चुके हैं, जिससे ऑपरेटर स्तर पर ही फर्जी कॉल्स को ब्लॉक किया जा सकता है।
जागरूकता अभियान भी जारी
सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को निर्देश दिया है कि वे कॉल कनेक्ट होने से पहले तीन महीने तक रिंगटोन की जगह जागरूकता संदेश चलाएं, ताकि आम जनता को स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी से सतर्क किया जा सके।
सरकार की कोशिशें जारी
टेक्नोलॉजी और जागरूकता अभियानों के माध्यम से सरकार स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी को खत्म करने के लिए तेजी से काम कर रही है। AI और मोबाइल ऐप जैसी नई तकनीकों के सहारे आने वाले समय में फर्जी कॉल्स की समस्या पर और अधिक नियंत्रण किया जा सकेगा।