डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : बारीडीह स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में एक एमबीबीएस छात्र की मौत के बाद बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। तीसरे वर्ष के छात्र दिव्यांशु पांडे की दुखद मौत के बाद शनिवार को 250 से अधिक छात्र धरने पर बैठ गए। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज की लापरवाही ने दिव्यांशु की जान ले ली, क्योंकि एंबुलेंस पहुंचने में 40 मिनट की देरी हुई और तुरंत इलाज नहीं मिल सका।
आक्रोश की मुख्य वजहें
छात्रों का गुस्सा कॉलेज प्रशासन पर फूटा है और उन्होंने दो अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की है।
- दो अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप: छात्रों ने एसोसिएट डीन डॉ. विनय और ट्रांसपोर्ट हेड सुमित झा के इस्तीफे की मांग की है। उनका आरोप है कि डॉ. विनय मानसिक रूप से छात्रों को परेशान करते थे, जबकि सुमित झा एंबुलेंस की व्यवस्था करने में नाकाम रहे।
- हॉस्टल में सुविधाओं का अभाव: छात्रों ने हॉस्टल में 24 घंटे मेडिकल इमरजेंसी सेवा और एंबुलेंस की सुविधा न होने पर भी सवाल उठाए।
- आत्महत्या का प्रयास: दिव्यांशु ने गुरुवार शाम को आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद शुक्रवार देर रात टाटा मेन हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई थी।
धरने पर बैठे छात्रों की मांगें
छात्र दोनों अधिकारियों का तत्काल इस्तीफा, हॉस्टल में 24 घंटे मेडिकल इमरजेंसी सेवा, कॉलेज परिसर में स्थायी एंबुलेंस की तैनाती चाह रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। इस घटना ने कॉलेज के सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।