ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी : जेल में बैठकर चुनाव लड़ना आसान, ऐसे लोगों पर रोक लगनी चाहिए”

KK Sagar
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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि “आजकल तो लोग जेल में बैठकर चुनाव लड़ लेते हैं… जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान हो गया है।” जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

इससे पहले यह सुनवाई आज होनी थी, लेकिन इसे कल के लिए सूचीबद्ध किया गया। सुनवाई के दौरान जस्टिस मित्तल ने कहा कि ताहिर हुसैन जैसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए।

क्या है मामला?

ताहिर हुसैन को 2020 में हुए दिल्ली दंगों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है। उनके खिलाफ हत्या, षड्यंत्र और दंगा भड़काने के गंभीर आरोप लगे हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि हुसैन पर UAPA और PMLA जैसे सख्त कानूनों के तहत मामला दर्ज है और वह इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में भी आरोपी हैं।

मार्च 2024 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 153ए, 302, 365, 120बी, 149, 188, 153ए, 505, 109 और 114 के तहत आरोप तय किए थे।

नामांकन के लिए मिली थी कस्टडी पैरोल

हाल ही में हुसैन को हाईकोर्ट से कस्टडी पैरोल दी गई थी ताकि वह चुनावों में नामांकन कर सके। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया था कि वह दंगों के मास्टरमाइंड हैं और उन्हें रिहा करना उचित नहीं होगा।

अब ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रचार के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक जेल से बाहर रहने की मांग की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

क्या कहा कोर्ट ने?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन की गतिविधियाँ दंगों में उनकी संलिप्तता को दर्शाती हैं, और ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नामांकन के लिए दी गई कस्टडी पैरोल का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि ताहिर हुसैन चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आ सकते हैं या नहीं।

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