झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा वीरेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक टीम ने सोमवार को मंडल कारा धनबाद का औचक निरीक्षण किया। टीम में उपायुक्त सह उपाध्यक्ष डालसा माधवी मिश्रा, एसएसपी सह सदस्य एच.पी. जनार्दनन, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, अवर न्यायाधीश राकेश रोशन, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी हेमंत कुमार सिंह, अपर समाहर्ता सह प्रभारी जेल अधीक्षक विनोद कुमार, सिटी एसपी अजीत कुमार, डिएसपी विधि व्यवस्था नौशाद आलम और एलएडीसीएस की टीम शामिल थी।
निरीक्षण के प्रमुख बिंदु
70 वर्ष से अधिक आयु और गंभीर बीमारी के बंदी चिन्हित
निरीक्षण के दौरान 70 वर्ष से अधिक उम्र के पांच बंदी और गंभीर बीमारी से ग्रस्त दो बंदियों की पहचान की गई। न्यायाधीश तिवारी ने उनकी रिहाई के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य और सुविधाओं की समीक्षा
टीम ने बंदियों के स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, भोजन और अधिवक्ता उपलब्धता की स्थिति का जायजा लिया। जेल अस्पताल में मौजूद बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य केंद्र भेजने का निर्देश दिया गया।
सुविधाओं का आकलन
न्यायाधीश ने जेल के पुस्तकालय, रसोईघर, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र का निरीक्षण किया। जेल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता की भी समीक्षा की गई।
बंदियों से बातचीत और समस्याओं पर चर्चा
न्यायाधीश ने बंदियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझा और जेल प्रशासन को जेल मैनुअल के तहत सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश दिया।
टीम में शामिल अधिकारी और सदस्य
इस निरीक्षण में जेल डॉक्टर राजीव कुमार सिंह, एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु, डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक काउंसल शैलेन्द्र झा, सुमन पाठक, नीरज गोयल, कन्हैया लाल ठाकुर, स्वाति, मुस्कान और सिविल कोर्ट के सहायक अरुण कुमार, राजेश सिंह, संतोष कुमार समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण का उद्देश्य बंदियों को उनके अधिकार और सुविधाएं दिलाना और जेल प्रशासन को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत करना था।