दी आर्ट ऑफ लिविंग का तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न, लोगों को आश्‍चर्यजनक लाभ, 1 जुलाई से अगला वर्कशॉप

Manju
By Manju
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धनबाद : दी आर्ट ऑफ लिविंग का तीन दिवसीय लेडीज स्पेशल हैप्पीनेस कार्यशाला शनिवार को धैया स्थित रैमसन रेसिडेंसी में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस वर्कशॉप का नेतृत्व स्टेट टीचर कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह, मिडिया कोऑर्डिनेटर व चिल्ड्रेन टीन्स कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह और बीआईटी मेसरा के एलुमनी गौतम जगन्नाथ ने किया। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों ने ज्ञान, ध्यान प्राणायाम, योग आसन और दी आर्ट ऑफ लिविंग की फ्लैगशिप लयात्मिक स्वांस की प्रक्रिया सुदर्शन क्रिया सीखा। जिसके निरंतर अभ्यास से मन शांत, रोग प्रतिरोध शक्ति की वृद्धि, जीवन कार्य में कुशलता व प्रसन्नता, बुद्धि तीक्ष्ण और कार्य में निपुणता प्राप्त होती है।

बता दें कि दी आर्ट ऑफ लिविंग की 156 से भी ज्यादा देशों में कार्यशाला लोकप्रिय है। जिसका लाभ लाखो लोगों ने पाया है। धनबाद में भी निरंतर कार्यशाला होती है। अगली कार्यशाला 1 जुलाई से होगी। मौके पर चंदा सिन्हा ने कहा कि बहुत ही अच्छा लगा, जितना सोच कर आए थे उससे ज्यादा मिला। काश यह ज्ञान पहले मिला होता।


अरुमिका घोष ने इस कार्यशाला में योग ज्ञान में वृद्धि और प्रसन्नता पाया। वहीं सुनीता देवी ने मन शांत और ऊर्जा में वृद्धि का अनुभव किया। पूनम सिंह का कहना था कि ने इस कार्यशाला में आने के बाद से उन्‍हें काफी फायदा मिला है। पहले अच्‍छी नींद नहीं आने की शिकायत थी। अब उन्‍हें रात को अच्‍छी नींद आ रहीं है। इसलिए प्राणायाम का निरंतर अभ्यास जारी रखेंगी।वही सोनम सिंह ने अपनी ऊर्जा में वृद्धि और कार्य में कंसंट्रेशन पाया। गौरी घोष के जीवन के कुछ प्रश्न थे, जिनका उनको जवाब मिलने के बाद जीवन जीने का मकसद मिल गया।

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