जमशेदपुर : महिला साक्षरता दर में वृद्धि व वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए जिले में सर्वे कराया जाएगा। इसे लेकर उपायुक्त ने आदेश जारी कर कहा है कि 2011 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर में पूर्वी सिंहभूम जिला पूरे राज्य में 76.13 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है जिसमें पुरूष व महिला साक्षरता दर क्रमश: 84.51 व 67.23 प्रतिशत है। पुरूष व महिला साक्षरता दर में 17.28 प्रतिशत का अंतर है जिसके कारण जिले की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। कोविड- 19 महामारी के कारण समय पर जनगणना नहीं हो पायी है जिस कारण पिछले दशक में महिला साक्षरता दर में वृद्धि व वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इस अवधि में बालिका शिक्षा के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित हुए है। महिलाओं की साक्षरता के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ समेकित बाल विकास परियोजना व जेएसएलपीएस की महिला समूह व समाज के अन्य लोगों की भागीदारी भी जरुरी है। इसलिए सभी को महिला साक्षरता दर में वृद्धि व वास्तविक स्थिति की जानकारी के लिए समग्र प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए कुछ कार्रवाई सुनिश्चित की जानी है।
- महिला साक्षरता दर में वृद्धि के लिए अभियान के संचालन के क्रम में प्रथम चरण में सर्वे कर निरक्षर महिलाओं को चिन्हित कर डाटाबेस तैयार किया जाना है। सर्वेक्षण का कार्य आंगनबाड़ी के पोषक क्षेत्र के अनुसार किया जाना है। सर्वेक्षण कार्य में प्रत्येक आंगनबाड़ी सेविका की सहायता के लिए उस क्षेत्र में अवस्थित जेएसएलपीएस की महिला समूह की 4 महिलाओं को जोड़ा जायेगा।
- सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों को पंचायत व प्रखंड स्तर पर समेकित किया जाना है। समेकन का कार्य में प्रखंड संसाधन केन्द्र (BRC ) एवं पंचायत पर संकुल (CRC) स्तर पर कार्यरत कर्मियों के द्वारा किया जायेगा।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी को निरक्षर महिलाओं के चिन्हितीकरण के बाद उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर महिला साक्षरता दर को प्रखंडवार पुनः निर्धारित करने का प्रयास करने व सत्यापित आंकड़े जिला शिक्षा अधीक्षक व उपायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।
- जिला स्तर पर समेकन व अनुश्रवण जिला शिक्षा अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कोषांग का गठन किया जाएगा जिसमें जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी व दो लिपिक होंगे।
- प्रखंड स्तर पर अभियान के संचालन में मुखिया व अन्य पंचायती राज प्रतिनिधियों से भी आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में CDPO, BEEO, JSLPS-BPM व 01 कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ प्रखंड स्तरीय कोषांग का गठन तीन दिनों के अन्दर करते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक को प्रतिवेदित किया जाना है।
- जिला शिक्षा अधीक्षक जिला स्तरीय कोषांग का गठन करते हुए प्रखंड स्तरीय कोषांग के विवरण सहित समेकित प्रतिवेदन उपायुक्त को उपलब्ध कराने के निर्देश है।