मिरर मीडिया : जमीन घोटाला मामले में निलंबित आईएएस छवि रंजन को फिलहाल अभी राहत नहीं मिलने वाली है। आपको बता दें कि परिवार से हफ्ते में दो दिन मिलने दिए जाने की याचिका को जहाँ कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया वहीं अब छवि रंजन की न्यायिक हिरासत की अवधि 7 जून तक बढ़ा दी गई है।
बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निलंबित आईएएस छवि रंजन की PMLA कोर्ट में पेशी की गई। विदित हो कि सेना के जमीन घोटाला मामले में 4 मई को छवि रंजन को गिरफ्तार किया गया था। जानकारी दे दें कि सेना के जमीन घोटाले सहित कई अन्य जमीन मामले में भी छवि रंजन की संलिप्तता पाई गई है।
ईडी ने कोर्ट में बताया कि बढ़गाई मौजा की जमीन का म्यूटेशन करने के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपए दिए गए थे। दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की साजिश तत्कालीन डीसी छवि रंजन के कार्यालय में रची गई थी। जिस जमीन के लिए पूर्व डीसी छवि रंजन को रिश्वत मिली थी वह जमीन NGDRS यानी की प्रतिबंधित सूची में लॉक थी। प्रतिबंधित सूची से बाहर करने के लिए छवि रंजन को एक करोड़ की राशि भुगतान की गई थी।
ये रुपए 13 अप्रैल को ईडी की छापामारी के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूर्व में प्रेम प्रकाश के माध्यम से छवि रंजन को दिए थे। यह बता दें कि नेताओं और अफसरों के करीबी प्रेम प्रकाश को ईडी 8 महीने पहले अवैध खनन मामले एवं मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है।
ईडी की ओर से सेना के कब्जे वाले जमीन की खरीद बिक्री की चर्चा करते हुए कहा गया कि तत्कालीन सब रजिस्टार घंसी राम ने इस जमीन का निबंधन करने से इंकार कर दिया था इसके बावजूद सुनियोजित साजिश के तहत छवि रंजन के निर्देश पर इस जमीन का निबंधन और म्यूटेशन हुआ।
ईडी ने 24 अप्रैल को छवि रंजन का बयान लिया था हालंकि पूछताछ में छवि रंजन ने सेना की कब्जे वाली 4. 55 एकड़ जमीन को जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्ट्री करने के मामले में अपनी संलीपता से इंकार किया था उन्होंने यह भी कहा था कि वो प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को नहीं जानते हैं, जबकि गिरफ्तार आरोपीत अफसर अली व सद्दाम हुसैन ने ईडी की पुछताछ में छवि रंजन के सामने बताया कि उनकी उपस्थिति में ही छवि रीजन के कार्यालय में बढ़गाई के सीओ मनोज कुमार तथा प्रेम प्रकाश बैठे थे वहीं पर छवि रंजन ने अंचलाधिकारी मनोज कुमार को आदेश दिया था कि वह प्रदीप बागची के दावे का कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से सत्यापन कराएं।
ईडी की जांच में यह बात सामने आई कि उपायुक्त छबि रंजन का प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से बेहतर संबंध था छवि रंजन ने उनके पक्ष में जमीन पर कब्जा भी दिलवाया।