जमशेदपुर। कोविड महामारी के बन्दी के लगभग 18 महीने बाद कक्षा छह से लेकर बारहवीं तक के सभी सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल अब ऑफलाइन क्लास के लिए खुल गए हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में भी पहली से लेकर पांचवी तक के छात्रों को अब ऑफलाइन पढ़ाया जा रहा है शिक्षक अपने पोषण क्षेत्र में जाकर छात्रों को ग्रुप बनाकर ऑफलाइन मोहल्ला क्लास ले रहे हैं। इतने लंबे समय बाद स्कूल खोलने के बाद भी अभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिले के 300 से भी अधिक शिक्षक बीएलओ ड्यूटी और कोविड-19 वैक्सीन सेंटरों पर कार्य कर रहे हैं जिससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में गिने-चुने शिक्षक ही मौजूद रहे हैं जो छात्रों ऑफलाइन क्लास करवा रहे हैं सरकारी स्कूल के 70% छात्र साधनों के अभाव में लगभग डेढ़ साल पढ़ाई से दूर रहे अब जब स्कूल खुले हैं तो शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के बजाय अन्य कामों में लगाया गया है। लंबे समय से छात्र शिक्षा से दूर रहे तो ऐसे में किले में ड्रॉपआउट की संख्या बढ़ने की संभावना होगी।कोविड महामारी के बन्दी के लगभग 18 महीने बाद कक्षा छह से लेकर बारहवीं तक के सभी सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल अब ऑफलाइन क्लास के लिए खुल गए हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में भी पहली से लेकर पांचवी तक के छात्रों को अब ऑफलाइन पढ़ाया जा रहा है शिक्षक अपने पोषण क्षेत्र में जाकर छात्रों को ग्रुप बनाकर ऑफलाइन मोहल्ला क्लास ले रहे हैं। इतने लंबे समय बाद स्कूल खोलने के बाद भी अभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है जिले के 300 से भी अधिक शिक्षक बीएलओ ड्यूटी और कोविड-19 वैक्सीन सेंटरों पर कार्य कर रहे हैं जिससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में गिने-चुने शिक्षक ही मौजूद रहे हैं जो छात्रों ऑफलाइन क्लास करवा रहे हैं सरकारी स्कूल के 70% छात्र साधनों के अभाव में लगभग डेढ़ साल पढ़ाई से दूर रहे अब जब स्कूल खुले हैं तो शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के बजाय अन्य कामों में लगाया गया है। लंबे समय से छात्र शिक्षा से दूर रहे तो ऐसे में किले में ड्रॉपआउट की संख्या बढ़ने की संभावना होगी।