पांच दिन नजरबंद रखा, डिजिटल ठगों के जाल से इस तरह बचे शिक्षक

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। कोलकाता : उत्तर 24 परगना के बनगांव में सेवानिवृत्त शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता अजय मजूमदार साइबर ठगों के चंगुल में फंस गए। 5 जून को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को भारतीय टेलीफोन नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताया और फिर बात कथित CBI अधिकारी को ट्रांसफर की।

ठगों ने दावा किया कि अजय के पैन और आधार से जुड़े खाते में करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन हुआ है, जिसमें उनका हिस्सा भी शामिल है। इसके बाद, ठगों ने अजय पर हर तीन घंटे में अपनी गतिविधियों की जानकारी देने का दबाव बनाया। फर्जी सुप्रीम कोर्ट दस्तावेज भेजकर डराया कि अगर किसी को बताया, तो जुर्माना और जेल होगी।

डर के मारे अजय और उनकी पत्नी देवयानी ने किसी से बात नहीं की, यहां तक कि अपनी वकील बेटी और दामाद से भी नहीं। ठगों के कहे अनुसार वे हर निर्देश मानते रहे। कई दिन तक यह सिलसिला चला। अंत में, ठगों ने सारे बैंक खातों का पैसा एकत्र कर उनके बताए खाते में ट्रांसफर करने को कहा। तब देवयानी ने चुपके से बेटी को फोन किया। बेटी और दामाद की सलाह पर अजय ने 9 जून को बनगांव साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज की, जिससे बड़ा आर्थिक नुकसान टल गया।

अजय के मित्र और सामाजिक कार्यकर्ता देबाशीष रायचौधरी ने कहा कि सरकार जागरूकता अभियान चला रही है, फिर भी जागरूक लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अनजान कॉल्स और वीडियो कॉल्स से बचें। शक होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें। सतर्कता ही साइबर ठगी से बचाव का एकमात्र उपाय है।

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