तेजस्वी को मिली महागठबंधन की कमान, सीएम फेस पर सस्पेंस बरकरार

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डिजिटल डेस्क |मिरर मीडिया :बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बीच शह-मात का खेल जारी है। पटना में गुरुवार को महागठबंधन की एक अहम बैठक हुई, जो करीब तीन घंटे तक चली।इस बैठक में तेजस्वी यादव को को-आर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर चुना गया। हालांकि, मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसे लेकर कांग्रेस की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। लेकिन तेजस्वी को सौंपी गई यह जिम्मेदारी उनके नाम की संभावनाओं को मजबूती देती है।

महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी क्या करेगी काम

बैठक में यह तय किया गया कि समन्वय समिति में कुल 13 सदस्य होंगे, जिनमें प्रत्येक घटक दल से दो-दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। समिति चुनावी रणनीति, सीट बंटवारे और प्रचार अभियानों सहित सभी महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए अधिकृत होगी।

कांग्रेस का गोल-मोल जवाब

बैठक के बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन एकता और स्पष्टता के साथ चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन बिहार की जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा। हालांकि, सीएम चेहरे के सवाल पर अल्लापरु गोल-मोल जवाब देते नजर आए और तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लगाई। हां एक बात जरूर कही कि तेजस्वी यादव के अगुवाई में महागठबंधन चुनाव लड़ेगी।

महागठबंधन के सभी दल एक साथ-तेजस्वी

वहीं, सीएम फेस पर सहमति नहीं बनने के सवाल तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन में कोई चिंता नहीं है। चिंता एनडीए गठबंधन के लोगों को होनी चाहिए। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर उन्होंने कहा कि एक ही दिन में सब कुछ घोषणा नहीं होगी, थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि महागठबंधन के सभी दल एक साथ हैं और जो भी होगा, सब मिलकर साझा करेंगे।

क्या है सीएम फेस को लेकर गठबंधन की रणनीति?

इंडिया गठबंधन ने 2024 में पीएम पद का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था। इंडिया गठबंधन ने एक ज्वाइंट कमेटी जरूर बनाई थी, उसी तर्ज पर बिहार में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जा रही है।कांग्रेस की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरे की बात नहीं कर रही, ऐसे में कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरेगी, वही पार्टी नेता तय करेगी, जिस तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। उसी तरह बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है और आरजेडी अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है।

वेट एंड वॉच के मूड में आरजेडी

कांग्रेस के फॉर्मूले पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी ने अपनी फाइनल स्वीकृति नहीं दी है, लेकिन तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं। इससे जाहिर होता है कि आरजेडी वेट एंड वॉच के मूड में है और कांग्रेस के फार्मूले पर मंथन कर रही है। वहीं, कांग्रेस नेतृत्व सीएम के नाम पर आधिकारिक घोषणा से पहले सभी गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर स्पष्टता जैसी औपचारिकताओं को पूरा कर लेना चाहता है।

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