संभल के दीपसराय इलाके में 48 साल से बंद और कब्जे में रखा गया एक प्राचीन मंदिर प्रशासन की कार्रवाई के बाद मुक्त हो गया है। 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद स्थानीय हिंदू इस मंदिर को छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद इस पर अवैध कब्जा हो गया। अब योगी सरकार की सख्त कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत इस मंदिर को कब्जे से छुड़ाया गया है।
मंदिर की स्थिति और प्रशासन का एक्शन
मंदिर में हनुमान, शिवलिंग, नंदी और कार्तिकेय की प्राचीन मूर्तियां सुरक्षित पाई गईं। मंदिर परिसर में एक कुआं और पीपल का पेड़ भी था, जिन्हें कब्जा करके पाट दिया गया था। दीपसराय इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान प्रशासन की टीम को मंदिर की जानकारी मिली। इसके बाद मौके पर पहुंचकर ताले खुलवाए गए और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई।
स्थानीय प्रशासन का बयान
संभल एसडीएम वंदना सिंह ने बताया, “जब टीम इस इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रही थी, तो मंदिर की जानकारी मिली। जिलाधिकारी को सूचित कर कार्रवाई की गई। मंदिर के अंदर मूर्तियां सुरक्षित मिली हैं। कुएं और पीपल के पेड़ को लेकर भी अतिक्रमण हटाया जा रहा है।”
संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर को कब्जे से मुक्त कराया गया।
स्थानीय हिंदुओं की खुशी
मंदिर की मुक्ति पर स्थानीय हिंदू समुदाय ने खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि लंबे समय से यह मंदिर कब्जे में था और अब इसे फिर से पूजा-पाठ के लिए खोला जाएगा।
अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती
योगी सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाया हुआ है। संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। दीपसराय में मंदिर के आसपास किए गए अवैध कब्जों को हटाने का अभियान जारी है।