झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग भ्रष्टाचार से पूरी तरह घिरा हुआ है ऐसा ED द्वारा किये गए जांच और अबतक पकड़े गए सफेदपोश, अधिकारी और कई लोगों से पूछताछ और हुए खुलासे में सामने आए हैं। ED ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम, चीफ इंजिनियर वीरेंद्र राम सहित विभागीय अफसरों समेत 32 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। कई लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं अब इसकी जांच विभागीय स्तर पर जारी है।
छह जुलाई तक ED चार्जशीट करेगी दायर
जानकारी के अनुसार टेंडर कमीशन घोटाला मामले में छह जुलाई तक ED चार्जशीट दायर करेगी। सूत्रों के अनुसार इस विभाग के पूर्व अफसर, सेवानिवृत्त इंजीनियर सहित सेक्शन ऑफिसर से लेकर ज्वाइंट सेक्रेट्री तक को लाभ मिलने के प्रमाण मिले हैं। जबकि बिना चढ़ावा के कोई भी टेंडर पास नहीं होता था। चौँकाने वाली बात यह है कि ED को अब तक पूछताछ में दो दर्जन से ज्यादा पूर्व और कार्यरत इंजीनियरों ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है जिसे ED अपनी चार्जशीट में भी शामिल करने वाली है।
विभाग के इंजीनियरों ने अधिकतर योजनाओं में सरकार को नुकसान पहुँचाया
ग्रामीण सड़कों के टेंडर में जमकर कमीशनखोरी की गई है कमीशनखोरी का आलम ये है कि एल वन ठेकेदारों को अयोग्य करार देने के ED को पुख्ता सबूत मिले हैं। यानी अधिक से अधिक कमीशन के चक्कर में एल वन ठेकेदारों को अयोग्य करार कर दिया गया। लिहाजा विभाग के इंजीनियरों ने अधिकतर योजनाओं में सरकार को नुकसान पहुंचाया।
तालाब से लेकर डोभा और सड़क निर्माण तक भारी लूट
इस कमीशनखोरी में कम राशि वाली योजनाओं को जबरदस्ती अधिक राशि में पूरा करवाया जाता था। यानी सरकारी खजाने में जमकर बंदरबाँट की गई और राजस्व का नुकसान किया गया। राज्य में तालाब से लेकर डोभा और टीसीबी से लेकर सड़क निर्माण तक के नाम पर भारी लूट को अंजाम दिया गया। जमीनी स्तर पर योजनाओं को बिना लाए अधिकारियों ने करोड़ों की राशि का बंदरबांट किया है।
तीन विभागों में 31 मार्च 2024 तक 26872 बिल पास
ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग ने 31 मार्च 2024 तक 26872 बिल पास किये। इसमें ग्रामीण कार्य विभाग ने 7950, ग्रामीण विकास विभाग ने 8000 और पंचायती राज विभाग ने 10,922 बिल पास किये।