पश्चिम बंगाल, जामुड़िया: जामुड़िया के बोरों एक अंतर्गत वार्ड संख्या सात, शेखपुर इलाके में स्थित सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी दुकान को प्रशासन ने जेसीबी के माध्यम से तोड़ दिया। यह दुकान किशोर घोष नामक व्यक्ति की थी, जिन्होंने बताया कि यह दुकान पिछले 15 वर्षों से कारखाने के सामने स्थित थी। उनका कहना था कि दुकान पहले बारिश में गिर गई थी, जिसे फिर से बना लिया गया था। किशोर घोष ने आरोप लगाया कि अब कारखाना अधिकारी पैसे के दम पर इस रास्ते पर अपना दावा कर रहे हैं और दुकान को तोड़ा जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह घटना राजनीति से प्रेरित है, क्योंकि वह एक राजनीतिक पार्टी के समर्थक हैं। उनका कहना था कि कारखाना मालिकों द्वारा स्थानीय लोगों की दुकानों को बिना डर के तोड़ा जा रहा है, और इस प्रक्रिया में प्रभावशाली लोग लाखों रुपए वसूलते हैं।

वहीं, मान स्टील कारखाना के अधिकारी आशुतोष चौधरी ने दावा किया कि यह जमीन आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA) की थी और इसे उचित प्रक्रिया के बाद कारखाना प्रबंधन को हस्तांतरित किया गया था। उन्होंने बताया कि कारखाना यहां पर पार्किंग निर्माण कर रहा है, और कुछ स्थानों पर अतिक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।
हालांकि, किशोर घोष ने आरोप लगाया कि कारखाना प्रबंधन गैर-कानूनी तरीके से काम कर रहा है, खासकर नदी की दिशा को बदलने का मुद्दा भी उठाया। इस पर कारखाना अधिकारी ने कहा कि यहां कोई नदी नहीं है, केवल स्थानीय भाषा में ‘जोड़’ कहा जाने वाला क्षेत्र है, और कारखाना प्रबंधन ने कभी नदी की दिशा से छेड़छाड़ नहीं की है।
स्थानीय निवासी निरंजन मंडल ने कारखाना प्रबंधन से अपील की कि वह पार्किंग के बजाय क्षेत्रीय विकास कार्यों पर ध्यान दे, जैसे मंदिर की अधूरी ढलाई को पूरा करना, सड़क पर पानी का छिड़काव और स्थानीय युवाओं को नौकरी देने की व्यवस्था करना। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो स्थानीय लोग बड़े पैमाने पर आंदोलन कर सकते हैं।