“आतंकवाद पाकिस्तान की सोची-समझी युद्ध की रणनीति…” गुजरात में बोले पीएम मोदी

Neelam
By Neelam
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 5,536 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की सोची-समझी युद्ध की रणनीति है। पाकिस्तान हमसे सीधी लड़ाई में नहीं जीत पाया तो उसने आतंकियों को हमारे देश में भेजना शुरू किया।

अगर सरदार पटेल की बात मान ली होती…पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने सरदार पटेल की बात मान ली होती तो 75 सालों से चल रहा आतंकी घटनाओं का सिलसिला रुक जाता। पीएम मोदी ने कहा कि 1947 में मां भारती के टुकड़े हुए थे। उस समय कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन काट दी गईं भुजाएं। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गई होती, तो 75 साल से चला आ रहा ये सिलसिला (आतंकी घटनाओं का) देखने को नहीं मिलता।

पाकिस्तान ने प्रॉक्सी वॉर का सहारा लिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान हमसे सीधी लड़ाई में नहीं जीत पाया तो उसने आतंकियों को हमारे देश में भेजना शुरू किया। यानी उन्होंने प्रॉक्सी वॉर का सहारा लिया। जिसे हम आज तक प्रॉक्सी युद्ध कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले, उसके बाद हम अब इसे प्रॉक्सी युद्ध कहने की गलती नहीं कर सकते। हमने जिन आतंकियों को मिट्टी में मिलाया, वहां उनके जनाजों को सम्मान दिया गया, उसकी ताबूत पर पाकिस्तानी झंडे रखे गए। इससे पाकिस्तान का नापाक चेहरा सभी के सामने आ गया। 

अभी ज्यादा कुछ नहीं किया, वहां पसीना छूट रहा है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगर आप 1960 की सिंधु जल संधि का अध्ययन करेंगे, तो आपको झटका लगेगा। यह तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी। गाद निकालने का काम नहीं किया जाएगा। तलछट साफ करने के लिए नीचे के गेट बंद रहेंगे। 60 साल तक ये गेट कभी नहीं खोले गए। जिन जलाशयों को 100 प्रतिशत क्षमता तक भरना था, वे अब केवल 2 प्रतिशत या 3 प्रतिशत तक ही सीमित रह गए हैं। जिसमें शत प्रतिशत पानी भरना चाहिए था धीरे-धीरे उसकी क्षमता कम हो गई। क्या मेरे देशवासियों को पानी पर अधिकार नहीं है क्या? अभी हमने कुछ ज्यादा किया नहीं है और वहां पसीना छूट रहा है। हमने सफाई शुरू की है, इतने से वहां बाढ़ आ जाती है।

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